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allahabad high court
– फोटो : social media
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के शाहपुर गांव स्थित बांके बिहारी मंदिर की जमीन प्लाट संख्या 1081 की खतौनी में याची का नाम हटाकर मस्जिद का नाम चढ़ाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार तथा वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामे में खतौनी सहित प्लॉट की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी जाए। याचिका की अगली सुनवाई 17 अक्तूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने श्री विहारी जी सेवा ट्रस्ट मथुरा की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि जमींदारी उन्मूलन कानून के पहले से जमीन याची के नाम थी। उस जमीन पर मंदिर भी बना है लेकिन, सपा सरकार में गांव के मुसलमानों की ओर से षड्यंत्र के तहत अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त जमीन पर मजार बनाकर मस्जिद का नाम दर्ज करवा लिया।
इसकी जानकारी होने पर याची ट्रस्ट और गांव वालों ने अधिकारियों से शिकायत की। इस पर संबंधित अधिकारियों से कई बार रिपोर्ट्स मांगी गई और मस्जिद होने के कारण वक्फ बोर्ड से भी जवाब तलब किया गया। किंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई तो याची ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका में जिला मजिस्ट्रेट मथुरा एवं उप जिलाधिकारी छाता को याची के प्रार्थना पत्र पर विचार करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है। याची ने यह भी मांग की कि जमीन बांके बिहारी मंदिर की है, इसलिए मस्जिद का नाम हटाकर मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज की जाय।
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