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– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोनभद्र डीएम द्वारा बिना टिप्पणी किए गैंगचार्ट पर हस्ताक्षर करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उसे निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह एकतरफा है और नियमों के खिलाफ है। हालांकि, कोर्ट ने प्रतिवादियों को नियमों के मुताबिक गैंग चार्ट तैयार करने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने सोनभद्र के मनीष कुमार उर्फ मनीष सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
अधिवक्ता विवेक मिश्रा ने तर्क दिया कि याची डीजल चोरी में जेल गया था। जमानत के बाद घर आया तो पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में थाना शक्तिनगर में प्राथमिकी दर्ज की और गैंग चार्ट में उसका नाम शामिल कर दिया। कहा कि अभिलेखों को देखने से यह साफ है कि डीएम ने बिना कोई टिप्पणी लिखे ही गैंगचार्ट का अनुमोदन कर दिया जो कि नियम के खिलाफ है। कोर्ट ने इसे सही माना और प्राथमिकी सहित गैंगचार्ट को रद्द कर दिया।
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