हाईकोर्ट : वादकारी की संतुष्टि के लिए नहीं होगी पुनर्मतगणना, एसडीएम का दोबारा गणना कराने का आदेश रद्द

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– फोटो : social media

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि के लिए मतदान की पुनर्गणना का आदेश नहीं दिया जा सकता। ऐसा आदेश कानून के तहत मान्य नहीं है। कोर्ट ने एसडीएम घनघटा, संत कबीरनगर के ग्राम प्रधान के चुनाव में मतदान की पुनर्मतगणना कराने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।

कहा है, चुनाव याचिका दायर हुए एक वर्ष बीत चुके हैं। इसलिए एसडीएम नियमानुसार दो माह में नए सिरे से आदेश पारित करें। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अनिल कुमार बनाम रंजन पांडेय तथा सात अन्य की याचिका पर दिया है। याची की ओर से कहा गया है कि वादकारी की संतुष्टि के आधार पर पुनर्मतगणना का आदेश नहीं दिया जा सकता। वादबिंदु भी तय नहीं किया गया है। न ही निष्कर्ष दर्ज किया गया है।

सरकार की ओर से आपत्ति की गई कि एसडीएम के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करना चाहिए। याचिका पोषणीय नहीं है। इसके जवाब में याची अधिवक्ता ने कहा कि फाइनल आदेश पर ही पुनरीक्षण याचिका दायर की जा सकती है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि के लिए मतदान की पुनर्गणना का आदेश नहीं दिया जा सकता। ऐसा आदेश कानून के तहत मान्य नहीं है। कोर्ट ने एसडीएम घनघटा, संत कबीरनगर के ग्राम प्रधान के चुनाव में मतदान की पुनर्मतगणना कराने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।

कहा है, चुनाव याचिका दायर हुए एक वर्ष बीत चुके हैं। इसलिए एसडीएम नियमानुसार दो माह में नए सिरे से आदेश पारित करें। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अनिल कुमार बनाम रंजन पांडेय तथा सात अन्य की याचिका पर दिया है। याची की ओर से कहा गया है कि वादकारी की संतुष्टि के आधार पर पुनर्मतगणना का आदेश नहीं दिया जा सकता। वादबिंदु भी तय नहीं किया गया है। न ही निष्कर्ष दर्ज किया गया है।

सरकार की ओर से आपत्ति की गई कि एसडीएम के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करना चाहिए। याचिका पोषणीय नहीं है। इसके जवाब में याची अधिवक्ता ने कहा कि फाइनल आदेश पर ही पुनरीक्षण याचिका दायर की जा सकती है।



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