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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 22 Feb 2022 01:32 AM IST
सार
याचिका रेहान आलम खान और हिमांशु गुप्ता द्वारा दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म लाइमलाइट पर 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रिलीज हुई फिल्म राष्ट्रपिता की छवि खराब कर रही है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म लाइमलाइट पर 30 जनवरी को प्रसारित हुई लघु फिल्म व्हाई आई किल्ड गांधी (गांधी को मैंने क्यों मारा) के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि विधानसभा के चुनावों के बीच फिल्म का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है।
याचिका रेहान आलम खान और हिमांशु गुप्ता द्वारा दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म लाइमलाइट पर 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रिलीज हुई फिल्म राष्ट्रपिता की छवि खराब कर रही है।
साथ ही राष्ट्र और भारतीय समाज की शांति और सामाजिक सद्भाव को भी बिगाड़ रही है। याचिका में फिल्म के संवाद पर भी सवाल खड़े किए गए हैं और उन्हें अत्यधिक आपत्तिजनक और गंभीर प्रकृति का बताया गया हे। कहा गया है कि संवाद सामग्री गुमराह करने वाली है। इससे बापू की छवि खराब हो रही है। इस फिल्म कोलखनऊ में फिल्म के प्रसारण के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव प्रभावित हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से किया था इनकार
लघु फिल्म व्हाई आई किल्ड गांधी के प्रसारण पर 31 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रसारण पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मौलिक अधिकारों के हनन होने पर ही यहां याचिका दायर की जा सकती है। मामला मौलिक अधिकारों के हनन का नहीं है। याची अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
विस्तार
ओटीटी प्लेटफॉर्म लाइमलाइट पर 30 जनवरी को प्रसारित हुई लघु फिल्म व्हाई आई किल्ड गांधी (गांधी को मैंने क्यों मारा) के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि विधानसभा के चुनावों के बीच फिल्म का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है।
याचिका रेहान आलम खान और हिमांशु गुप्ता द्वारा दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म लाइमलाइट पर 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रिलीज हुई फिल्म राष्ट्रपिता की छवि खराब कर रही है।
साथ ही राष्ट्र और भारतीय समाज की शांति और सामाजिक सद्भाव को भी बिगाड़ रही है। याचिका में फिल्म के संवाद पर भी सवाल खड़े किए गए हैं और उन्हें अत्यधिक आपत्तिजनक और गंभीर प्रकृति का बताया गया हे। कहा गया है कि संवाद सामग्री गुमराह करने वाली है। इससे बापू की छवि खराब हो रही है। इस फिल्म कोलखनऊ में फिल्म के प्रसारण के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव प्रभावित हो रहे हैं।
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