हाईकोर्ट सख्त : बिजली के फर्जी बिल से करोड़ों का भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच का ब्यौरा दें एमडी

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 21 Apr 2022 09:26 PM IST

सार

कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को फर्जी बिल भेजने की बात स्वीकार करने के बावजूद इस मामले में की गई कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं दी। अधिकारियों ने माना कि फर्जी बिल तैयार कर बिल पुनरीक्षण के नाम पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विद्युत निगम के अभियंताओं और कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं का फर्जी बिजली बिल तैयार कर करोड़ों के भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने यूपी राज्य विद्युत निगम के एमडी से भ्रष्टाचार की जांच के ब्यौरे के साथ व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को फर्जी बिल भेजने की बात स्वीकार करने के बावजूद इस मामले में की गई कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं दी। अधिकारियों ने माना कि फर्जी बिल तैयार कर बिल पुनरीक्षण के नाम पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। एमडी ने इसकी जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। मगर क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी नहीं दी गई ।

इस पर कोर्ट ने एमडी को तीन दिन में जांच का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने विभिन्न जिलों के निवासी पुत्तन, जगदीश प्रसाद, सतीश केसरवानी, ब्रह्मदीन की याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है।

एमडी ने उठाए गए कदमों की जानकारी दी

याचिका दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के खिलाफ दायर की गई है। अपर मुख्य सचिव पॉवर यूपी और विद्युत निगम के एमडी ने हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की कोर्ट को जानकारी दी। कहा कि विद्युत वितरण निगमों को फर्जी बिल तैयार न करने के निर्देश जारी किए गए हैं। एमडी ने भी परिपत्र जारी कर चेतावनी दी है कि गलत बिल पर प्रभावी नियंत्रण किया जाए और अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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याचियों का कहना था कि अधिकारियों ने झूठा हलफनामा दाखिल किया है। समाचार पत्रों में छपी खबर के मुताबिक एमडी ने बिल पुनरीक्षण में 22 करोड़ के भ्रष्टाचार की जांच के लिए टीम गठित की है। लेकिन हलफनामे में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है। फर्जी बिल तैयार कर पुनरीक्षण के बहाने घोटाले किए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। सभी अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विद्युत निगम के अभियंताओं और कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं का फर्जी बिजली बिल तैयार कर करोड़ों के भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने यूपी राज्य विद्युत निगम के एमडी से भ्रष्टाचार की जांच के ब्यौरे के साथ व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को फर्जी बिल भेजने की बात स्वीकार करने के बावजूद इस मामले में की गई कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं दी। अधिकारियों ने माना कि फर्जी बिल तैयार कर बिल पुनरीक्षण के नाम पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। एमडी ने इसकी जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। मगर क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी नहीं दी गई ।

इस पर कोर्ट ने एमडी को तीन दिन में जांच का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने विभिन्न जिलों के निवासी पुत्तन, जगदीश प्रसाद, सतीश केसरवानी, ब्रह्मदीन की याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है।

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