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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 23 Jun 2022 06:27 PM IST
कौशाम्बी में सिराथू विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनीं पल्लवी पटेल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। आरोप है कि पल्लवी पटेल ने निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे की जानकारी छिपाई है। इस संबंध में एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। साथ ही इस मामले की शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से भी की गई है।
बता दें कि भाजपा पार्षद पवन श्रीवास्तव ने निर्वाचन आयोग से सिराथू विधानसभा से विधायक पल्लवी पटेल की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। पार्षद के अनुसार निर्वाचित विधायक पल्लवी पटेल ने अपने चुनाव में संलग्न हलफनामे में दर्शाया है कि उनके खिलाफ थाना गोमती नगर लखनऊ में तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
वह अभी तक दोषमुक्त नहीं हुई हैं। जबकि चुनाव के पूर्व सभी प्रत्याशियों को आदेश था कि वह अपने जिले के सर्वाधिक बिक्री वाले तीन सम्मानित समाचार पत्रों में तीन बार अपने व्यक्तित्व एवं चरित्र के बारे में पूरी सूचना से अवगत कराएं, ताकि जनता अपने प्रतिनिधि के बारे में जान सके।
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में सिराथू सीट से पल्लवी पटेल निर्वाचित हुई हैं। पटेल ने अपने निकटत प्रतिद्वंद्वी और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कड़े मुकाबले में पराजित किया था। सिराथू केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद होने के साथ ही उनका गढ़ भी माना जाता है। मौर्य यहां से 2012 में विधायक चुने जा चुके हैं। हालांकि 2014 में फूलपुर लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने सिराथू विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
विस्तार
कौशाम्बी में सिराथू विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनीं पल्लवी पटेल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। आरोप है कि पल्लवी पटेल ने निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे की जानकारी छिपाई है। इस संबंध में एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। साथ ही इस मामले की शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से भी की गई है।
बता दें कि भाजपा पार्षद पवन श्रीवास्तव ने निर्वाचन आयोग से सिराथू विधानसभा से विधायक पल्लवी पटेल की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। पार्षद के अनुसार निर्वाचित विधायक पल्लवी पटेल ने अपने चुनाव में संलग्न हलफनामे में दर्शाया है कि उनके खिलाफ थाना गोमती नगर लखनऊ में तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
वह अभी तक दोषमुक्त नहीं हुई हैं। जबकि चुनाव के पूर्व सभी प्रत्याशियों को आदेश था कि वह अपने जिले के सर्वाधिक बिक्री वाले तीन सम्मानित समाचार पत्रों में तीन बार अपने व्यक्तित्व एवं चरित्र के बारे में पूरी सूचना से अवगत कराएं, ताकि जनता अपने प्रतिनिधि के बारे में जान सके।
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