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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 14 Mar 2022 09:20 PM IST
सार
कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती मामले में याचियों को उनकी पंसद का जिला आवंटित करने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा सचिव सात अप्रैल तक कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मुकदमें की अगली तिथि 11 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने धर्मेंद्र सिंह व 24 अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।
पूर्व में कोर्ट के आदेश का नहीं किया गया अनुपालन
कोर्ट ने अपने 14 सितंबर 2021 के आदेश में बेसिक शिक्षा सचिव को 14 जनवरी 2022 तक याचियों को उनके मनपसंद जिले में तैनाती का आदेश दिया था। लेकिन उसका आज तक अनुपालन नहीं हुआ। कोर्ट ने इस संबंध में जानकारी तलब की थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को आदेश के अनुपालन के संबंध की जानकारी मुहैया कराई।
इसके साथ ही कोर्ट का आदेश अनुपालन कराने केलिए दो सप्ताह का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने उन्हें तीन सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई केलिए 11 अप्रैल 2022 की तिथि निर्धारित की है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती मामले में याचियों को उनकी पंसद का जिला आवंटित करने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा सचिव सात अप्रैल तक कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मुकदमें की अगली तिथि 11 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने धर्मेंद्र सिंह व 24 अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।
कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।
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