हाईकोर्ट : 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक से मांगी जानकारी

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 12 Feb 2022 08:47 PM IST

सार

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट कोर्ट ने जब अपने आदेश में यह साफ कहा है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों का एक अंक बढ़ा दिया जाए तो केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को केवल उन्हीं को क्यों दिया गया जिन्होंने याचिका दाखिल की थी।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि जब विशेष याचिका पर दो जजों की खंडपीठ ने आदेश पारित कर दिया है तो उसका अनुपालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए सात मार्च 2022 की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने उपेंद्र कुमार दयाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट कोर्ट ने जब अपने आदेश में यह साफ कहा है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों का एक अंक बढ़ा दिया जाए तो केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को केवल उन्हीं को क्यों दिया गया जिन्होंने याचिका दाखिल की थी। अवमाननना याचिका में याची का तर्क है कि वह अनुसूचित वर्ग का अभ्यर्थी था और हाईकोर्ट की ओर से पारित विशेष याचिका में वह दूसरे नंबर का याची था।

उसने हाईकोर्ट के आदेश को परीक्षा नियामक प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया और एक अंक बढ़ाने जाने की मांग की। लेकिन, पारीक्षा नियामक ने उनके परीक्षा परिणाम में एक अंक नहीं बढ़ाया। याची के अधिवक्ता राहुल कुमार मिश्रा ने तर्क दिया कि वह भर्ती परीक्षा में 89 अंक हासिल किया है। एक अंक मिलने के बाद वह चयनित सूची में शामिल हो जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए सात मार्च की तिथि निर्धारित कर दी है।

भर्ती परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी होने के बाद दाखिल हुई थी विशेष याचिका
सहायक अध्यापक 69 हजार भर्ती परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी होने के बाद परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में इलाहाबाद और लखनऊ दोनों खंडपीठों में सात सौ अभ्यर्थियों की ओर से विशेष याचिका दाखिल की थी। अभ्यर्थियों ने पांच सवालों को चुनौती दी थी। उनका तर्क था कि भर्ती परीक्षा नियामक ने पांच सवाल गलत पूछे हैं और उत्तरमाला भी गलत जारी की है।

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सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने केवल एक सवाल को गलत पाया और परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों को एक अंक बढ़ाने का आदेश दिया। लेकिन, परीक्षा नियामक ने अभी तक अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए नहीं। अभ्यर्थियों की ओर से इस मामले में लगातार प्रदर्शन भी हो रहा है। चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू हो गई है तो अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि जब विशेष याचिका पर दो जजों की खंडपीठ ने आदेश पारित कर दिया है तो उसका अनुपालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए सात मार्च 2022 की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने उपेंद्र कुमार दयाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट कोर्ट ने जब अपने आदेश में यह साफ कहा है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों का एक अंक बढ़ा दिया जाए तो केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को केवल उन्हीं को क्यों दिया गया जिन्होंने याचिका दाखिल की थी। अवमाननना याचिका में याची का तर्क है कि वह अनुसूचित वर्ग का अभ्यर्थी था और हाईकोर्ट की ओर से पारित विशेष याचिका में वह दूसरे नंबर का याची था।

उसने हाईकोर्ट के आदेश को परीक्षा नियामक प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया और एक अंक बढ़ाने जाने की मांग की। लेकिन, पारीक्षा नियामक ने उनके परीक्षा परिणाम में एक अंक नहीं बढ़ाया। याची के अधिवक्ता राहुल कुमार मिश्रा ने तर्क दिया कि वह भर्ती परीक्षा में 89 अंक हासिल किया है। एक अंक मिलने के बाद वह चयनित सूची में शामिल हो जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए सात मार्च की तिथि निर्धारित कर दी है।

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