हाथरस कांड: जेल से रिहा होने के बाद तीनों दोषमुक्त आरोपी नहीं आए गांव, परिजनों के साथ गए वृंदावन, वहां से गए..

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अलीगढ़ जेल से रिहा तीनों दोषमुक्त् युवक

अलीगढ़ जेल से रिहा तीनों दोषमुक्त् युवक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हाथरस के बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में न्यायालय द्वारा बरी किए गए तीनों आरोपी अलीगढ़ कारागार से शुक्रवार की सुबह रिहा हो गए और वहीं से अपने परिजनों के साथ वृंदावन में बांकेबिहारी के दर्शन करने के लिए चले गए। देर शाम तक वह अपने गांव नहीं आए थे। इधर, गांव में दूसरे दिन भी काफी फोर्स तैनात रही। सीओ सिटी ने कई बार गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। बिटिया के गांव को जाने वाले रास्ते पर पीएसी तैनात रही। खुफिया तंत्र भी बेहद अलर्ट रहा। इधर, सीआरपीएफ रोजाना की भांति बिटिया के परिजनों  की सुरक्षा में मुस्तैद रही।

उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) त्रिलोकपाल सिंह ने फैसला सुनाया था। इसमें तीन अभियुक्तों रवि, रामू व लवकुश को दोषमुक्त कर दिया था और संदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। न्यायालय के आदेश के बाद बरी किए गए तीनों आरोपियों रवि,रामू व लवकुश के परिजन उन्हें लेने के लिए अलीगढ़ जिला कारागार पहुंच गए। वहां से बरी किए तीनों युवकों के साथ उनके परिजन वृंदावन चले गए। 

अलीगढ़ जेल से रिहा हाेते तीनों युवक

देर शाम तक यह सभी गांव वापस नहीं लौटे थे। इधर, गांव में दूसरे दिन भी काफी पुलिस व फोर्स तैनात रहा। सीओ सिटी सुरेंद्र सिंह ने सु्बह और शाम  को गांव का दौरा किया और वस्तु स्थिति की जानकारी ली। गांव को जाने वाले रास्ते पर भी पुलिस व पीएसी तैनात रही।  खुफिया तंत्र भी बेहद अलर्ट रहा और ऐसे लोगों पर पैनी निगाह रखे रहा, जिनसे कि शांति भंग करने की आशंका हो। सीआरपीएफ भी बिटिया के परिजनों की सुरक्षा में मुस्तैद नजर आई।

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गांव में दिखी तनाव भरी खामोशी

बिटिया के गांव व आस-पास के इलाके में तनाव भरी खामोशी रही। तीनो आरोपियों के परिजन व उनके शुभचिंतक काफी खुश दिखे। परिजनों ने यह खुशी ज्यादा जाहिर नहीं की। उनका कहना था कि कड़ी पैरवी के बाद उनके बच्चे ढाई साल बाद जेल से रिहा हुए हैं। वह नहीं चाहते कि अब फिर ऐसा कुछ हो जाए, जिससे उनकी खुशियों में खलल पड़ जाए। हालांकि होली के आने वाले त्योहार को लेकर यह लोग काफी खुश हैं लेकिन किसी भी आशंका के चलते अपनी खुशी को जाहिर नहीं कर रहे।  

सीआरपीएफ पर नहीं आया कोई नया आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले करीब 27 माह से बिटिया के परिजनों की सुरक्षा सीआरपीएफ कर रही है। 135 जवान इनकी सुरक्षा में लगे हैं। इस मामले में फैसला आ चुका है लेकिन सीआरपीएफ पर अभी यहां से जाने का कोई आदेश नहीं आया है।  यहां तैनात जवानों का कहना है कि उनके आला अधिकारियों का कोई फैसला आएगा तब वह  यहां से जाएंगे। यहां तैनात टुकड़ी के कमांडेट यशपाल सिंह का कहना है कि हमारे पास अभी कोई नया आदेश नहीं आया है। हम यहां पूर्व की भांति ड्यूटी  करते रहेंगे। 

पंकज के यहां तैनात रही पुलिस

इस प्रकरण में राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के अध्यक्ष पंकज धवरैय्या पुलिस की निगरानी में रहे। उनके निवास पर पुलिस तैनात रही। पंकज पर बिटिया प्रकरण को लेकर पूर्व में कई मुकदमे चल रहे हैं। पंकज का कहना है कि वह पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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