38 घंटे बाद गंगातट पर फिर मिट्टी में दबाया गया शव

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उन्नाव। पूजा हत्याकांड में 38 घंटे की जद्दोजहद के बाद गुरुवार तड़के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शव को जाजमऊ के चंदनघाट पर दोबारा दफनाया गया। मामला शांत होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। पीड़ित माता-पिता ने एएसपी से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
शहर के कांशीराम कालोनी निवासी 22 वर्षीय पूजा की आठ दिसंबर 2021 को अगवा कर हत्या कर दी गई थी। हत्यारोपी रजोल व उसके साथी सूरज सिंह की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड की परत दर परत खुलने लगी। सह आरोपी सूरज की निशानदेही पर 10 फरवरी को शव को गड्ढे से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के बाद जाजमऊ में अंतिम संस्कार करा दिया था। मृतका पूजा की मां ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए 13 फरवरी को डीएम को पत्र देकर लखनऊ के फोरेंसिक एक्सपर्ट के पैनल से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी।
15 फरवरी को चंदनघाट से शव को निकलवाकर रात में पोस्टमार्टम कराया गया था। दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंतर होने की जानकारी पर परिजन रिपोर्ट में गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगा भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया था। पीड़िता के पक्ष में कांग्रेसियों के आ जाने से मामला तूल पकड़ गया था। लाख कोशिशों के बाद भी शव को पोस्टमार्टम हाउस से नहीं ले जाने दिया गया था।
मृतका के परिजनों की ओर से खुद को सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता बताने वाली अवनी बंसल ने मेडिकल बोर्ड गठित कर शव का परीक्षण कराए जाने की मांग की थी। जिला जज के यहां से उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। बुधवार को अचानक प्रियंका गांधी के आने की सूचना पर कांग्रेसी पोस्टमार्टम हाउस में जुट गए। रात करीब नौ बजे उनके न आने की सूचना मिली तो मृतका के परिजन निराश हुए।
इसके बाद माता-पिता पुलिस की बात मानकर शव दफनाने के लिए राजी हो गए। सिटी मजिस्ट्रेट विजेता व पुलिस टीम गुरुवार भोर पहर लगभग चार बजे शव को लेकर जाजमऊ के चंदनघाट पहुंचीं और उसी जगह पर मिट्टी में दबा दिया, जहां 11 फरवरी को अंतिम संस्कार किया गया था।
गुरुवार को कांग्रेस महासचिव के न आने की जैसे ही भनक लगी, एक-एक कर कांग्रेसी पोस्टमार्टम हाउस से चले गए। रात करीब 11 बजे पोस्टमार्टम हाउस में मृतका के माता-पिता, भाई व बहन और पुलिस बल के अलावा कोई नहीं दिखा। स्वॉट प्रभारी ने परिवार को भोजन कराया और बिस्तर का इंतजाम किया।
मृतका के माता-पिता ने कहा कि बेटी की हत्या में उन्हें अब राजनीति नहीं चाहिए। उसने बेटी के साथ ऐसा कृत्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। एएसपी शशि शेखर सिंह ने भरोसा दिया कि घटना में जो भी शामिल है उसे बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच करा आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

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उन्नाव। पूजा हत्याकांड में 38 घंटे की जद्दोजहद के बाद गुरुवार तड़के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शव को जाजमऊ के चंदनघाट पर दोबारा दफनाया गया। मामला शांत होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। पीड़ित माता-पिता ने एएसपी से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

शहर के कांशीराम कालोनी निवासी 22 वर्षीय पूजा की आठ दिसंबर 2021 को अगवा कर हत्या कर दी गई थी। हत्यारोपी रजोल व उसके साथी सूरज सिंह की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड की परत दर परत खुलने लगी। सह आरोपी सूरज की निशानदेही पर 10 फरवरी को शव को गड्ढे से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के बाद जाजमऊ में अंतिम संस्कार करा दिया था। मृतका पूजा की मां ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए 13 फरवरी को डीएम को पत्र देकर लखनऊ के फोरेंसिक एक्सपर्ट के पैनल से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी।

15 फरवरी को चंदनघाट से शव को निकलवाकर रात में पोस्टमार्टम कराया गया था। दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंतर होने की जानकारी पर परिजन रिपोर्ट में गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगा भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया था। पीड़िता के पक्ष में कांग्रेसियों के आ जाने से मामला तूल पकड़ गया था। लाख कोशिशों के बाद भी शव को पोस्टमार्टम हाउस से नहीं ले जाने दिया गया था।

मृतका के परिजनों की ओर से खुद को सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता बताने वाली अवनी बंसल ने मेडिकल बोर्ड गठित कर शव का परीक्षण कराए जाने की मांग की थी। जिला जज के यहां से उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। बुधवार को अचानक प्रियंका गांधी के आने की सूचना पर कांग्रेसी पोस्टमार्टम हाउस में जुट गए। रात करीब नौ बजे उनके न आने की सूचना मिली तो मृतका के परिजन निराश हुए।

इसके बाद माता-पिता पुलिस की बात मानकर शव दफनाने के लिए राजी हो गए। सिटी मजिस्ट्रेट विजेता व पुलिस टीम गुरुवार भोर पहर लगभग चार बजे शव को लेकर जाजमऊ के चंदनघाट पहुंचीं और उसी जगह पर मिट्टी में दबा दिया, जहां 11 फरवरी को अंतिम संस्कार किया गया था।

गुरुवार को कांग्रेस महासचिव के न आने की जैसे ही भनक लगी, एक-एक कर कांग्रेसी पोस्टमार्टम हाउस से चले गए। रात करीब 11 बजे पोस्टमार्टम हाउस में मृतका के माता-पिता, भाई व बहन और पुलिस बल के अलावा कोई नहीं दिखा। स्वॉट प्रभारी ने परिवार को भोजन कराया और बिस्तर का इंतजाम किया।

मृतका के माता-पिता ने कहा कि बेटी की हत्या में उन्हें अब राजनीति नहीं चाहिए। उसने बेटी के साथ ऐसा कृत्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। एएसपी शशि शेखर सिंह ने भरोसा दिया कि घटना में जो भी शामिल है उसे बख्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच करा आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।

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