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बिजली निगम कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
– फोटो : अमर उजाला
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निजीकरण और सेवा शर्तों में कटौती के विरोध में बिजली कर्मचारियों का आंदोलन बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। अधिशासी अभियंता, एसडीओ व अवर अभियंता सहित अन्य कर्मचारियों ने कामकाज ठप करके प्रदर्शन किया। इसका असर बिजली आपूर्ति पर पड़ा है। कई उपकेंद्रों से आपूर्ति घंटों ठप रही। दूसरी तरफ, निगम प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल पर चले गए हैं।
बिजली कर्मियों के आंदोलन के चलते लेढ़ूपुर उपकेंद्र करीब तीन घंटे तक बंद रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का दावा है कि पिसौर उपकेंद्र छह घंटे, पांडेयपुर नई बस्ती उपकेंद्र आठ घंटे व काशी विद्यापीठ उपकेंद्र छह घंटे ठप रहा है। स्थानीय स्तर पर फॉल्ट खूब हुए हैं।
इस कारण सलारपुर,आकाशवाणी, शक्तिपीठ, पांडेयपुर, मंडुवाडीह उपकेंद्रों से जुड़े उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। सामान्य दिनों में जो फॉल्ट तीस मिनट में ठीक हो जाता था, उसे ठीक कराने में दो से तीन घंटे लग गए। कई उपकेंद्रों के फॉल्ट ठीक ही नहीं हो सके।
कार्य बहिष्कार सफल, अब सांकेतिक हड़ताल की बारी
संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने आंदोलन को सफल बताया और कहा कि कार्य बहिष्कार पूरी तरह से प्रभावी रहा है। बिजली कर्मी एकजुट हैं। इस बार आश्वासन पर बात नहीं बनेगी। कार्य बहिष्कार से बिजली आपूर्ति बाधित रही। निगम प्रबंधन ने आपूर्ति बहाल रखने का जो दावा किया था, उसमें सफलता नहीं मिली है। बहरहाल, बृहस्पतिवार की रात दस बजे के बाद से कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। इस अवधि में कोई कामकाज नहीं किया जाएगा।
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