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कोरोना वायरस
– फोटो : अमर उजाला
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कोरोना फैलने के साथ हुए लॉकडाउन को तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। मार्च 2020 में कोरोना फैलने के साथ ही 22 मार्च को जनता कर्फयू लगा और 24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन हुआ था। यह पहला मौका था, जब लोगों ने किसी महामारी के चलते ऐसी बंदी देखी, जिसे याद कर लोग सिहर उठते हैं।
पहला लाकडाउन और पहली लहर ने इतना दंश नहीं दिया, मगर दूसरी लहर में मौतों की संख्या और हायतौबा ने लोगों को डरा दिया। अब सब सामान्य है। 24 मार्च 2020 के लॉकडाउन को याद कर लोग आज भी सिहर रहे हैं। देश में फिर से कोविड की चर्चा है। ऐसे में जरूरत सावधानी और कोविड प्रोटोकॉल के पालन करने की है।
कानून व्यवस्था के चलते शहर में कई बार कर्फयू लगा है। मगर महामारी में हुई बंदी अलग थी। लोग एक दूसरे से मिलने तक के लिए मोहताज हो गए थे। लोग एक दूसरे के घर आने जाने से बच रहे थे। बड़े कारोबार से लेकर छोटे छोटे रोजगार तक प्रभावित हुए। इस बीमारी ने सैकड़ों लोगों को मौत के मुहाने तक पहुंचाया। किसी जमाने में प्लेग के बाद इस तरह की महामारी वर्ष 2020 में हुई।
जिसने हमें बहुत से सबक सिखाए और तमाम संसाधन भी मजबूत कराए। अब सब पटरी पर आ गया है, मगर स्वास्थ्य अधिकारी आज भी लोगों को सलाह देते हैं कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। सीएमओ डा.नीरज त्यागी कहते हैं कि कोविड प्रोटोकॉल के पालन से खुद, परिवार व समाज को सुरक्षित रखा जा सकता है। ये मौसम परिवर्तन का दौर है और ऐसे में बीमारी जोर पकड़ती है।
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