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विश्व हिंदू परिषद गोरक्ष प्रांत द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज के सभागार में आयोजित धर
– फोटो : विश्व हिंदू परिषद गोरक्ष प्रांत द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर महिला पीजी कॉलेज के सभागार में आयोजित धर
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गोरखपुर में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं रामजन्म भूमि क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में गोरक्ष पीठ का अहम योगदान है। गोरक्ष पीठ की तीन पीढियां जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी रहीं। वहीं, मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने कानूनी बाधाएं दूर कर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। कहा कि राम मंदिर का निर्माण तय समय पर होगा। दिसम्बर में श्रीराम अपने घर में विराजमान होंगे।
जिले के दौरे पर आए विहिप नेता राय ने ये बातें रविवार को अमर उजाला से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण में गोरक्ष पीठ की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 1949 में इस आंदोलन से महंत दिग्विजयनाथ जुड़े थे। उसके बाद 1984 में जब राम जन्म भूमि यज्ञ समिति का गठन किया गया तो महंत अवेद्यनाथ को उसका अध्यक्ष बनाया गया। अवेद्यनाथ जीवन पर्यंत उस पद पर विराजमान रहे। गोरक्ष पीठ के उत्तराधिकारी योगी ने जब मंदिर की कमान संभाली तो उसी तेवर से काम करना शुरू किया जिस तरह से उनके गुरु कर रहे थे।राय ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए बहुत लंबी लड़ाई लड़ी गई। इस लड़ाई में बहुत कुर्बानी भी देनी पड़ी। लेकिन जब लड़ाई लड़ेंगे तो कुर्बानी देनी ही पड़ेगी। अयोध्या में राम जन्म भूमि पर जिस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है उसमें लोहे का प्रयोग नहीं हो रहा है। पत्थरों से बना यह मंदिर तीन मंजिला होगा। इसमें 400 खंभे होंगे।
विहिप नेता ने कहा कि अपनी परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए एक संगठन की आवश्यकता होती है। उस संगठन को चलाने के लिए साधन की आवश्यकता होती है। उनका संगठन सरकार पर आश्रित नहीं है। आम लोगों के सहयोग से संगठन का कार्य चल रहा है। कहा कि धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ नहीं बल्कि बहुत व्यापक है। उसकी रक्षा के लिए हर नागरिक को कुछ करना चाहिए। अपने निजी खर्चों को कम करके उस संगठन को कुछ दान करना चाहिए, जो समाज के लिए कार्य कर रहा है।
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