Aligarh News: मां-बाप को कैंची से मारने वाला बेटा है डिल्युशन डिसऑर्डर का शिकार, नशे के भी मिले साक्ष्य

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son who killed his parents with scissors is a victim of delusion disorder

हत्यारा बेटा
– फोटो : साेशल मीडिया

विस्तार

अलीगढ़ में क्वार्सी के जाकिर नगर में मां-बाप के कत्ल के आरोप में जेल भेजे गए एएमयू छात्र गुलाम मुईउद्दीन की जिला कारागार में काउंसलिंग शुरू हो गई है। उसकी मानसिक स्थिति समझने के लिए बृहस्पतिवार को डॉक्टर ने उससे बातचीत की। दस मिनट की बातचीत में उसने एक ही बात स्वीकारी कि उसकी मां सौतेली थी, इसलिए उसने मां के साथ पिता का कत्ल किया। 

बातचीत में उसके नशे के लती होने के साक्ष्य भी मिल रहे हैं। हालांकि अभी डॉक्टर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। प्रारंभिक तौर पर उसे डिल्युशन डिसऑर्डर का शिकार माना जा रहा है, जिसमें कोई भी काल्पनिक बात को सच मान लेता है। अब काउंसलिंग की अगली क्लास शनिवार को होगी।

इस काउंसलिंग के दौरान उसकी दिनचर्या भी देखी गई। जिसमें पाया गया कि वह किसी से बात नहीं कर रहा। हां, समय से खाना पीना खाता है और समय से सो जाता है। उसकी आंखों ने उसके नशे के आदि होने के साक्ष्य  दिए हैं। शुरुआती बातचीत में उसने डॉक्टर को बरगलाने की कोशिश की। बाद में किसी तरह वह कुछ सवालों के जवाब देने को तैयार हुआ। 

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बता दें कि रामपुर निवासी इमाम इशहाक अली व उनकी पत्नी शहजादी बेगम की उनके बेटे ने बीते बुधवार को रात में कमरे में सोते समय हत्या की थी। जिसका लाइव वीडियो भी वायरल हुआ था। पुलिस से उसने स्वीकारा था कि उसकी मां सौतेली थी। उसे डर था कि वह उसे मार देगी। इसी के चलते उसने यह हत्या की। मां-बाप के कत्ल के आरोपी युवक की काउंसलिंग शुरू कराई गई है। वह कड़ी निगरानी में है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार उस पर आगे कदम उठाया जाएगा।-बृजेंद्र यादव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

डिल्युशन डिस ऑर्डर यानी वहम की बीमारी

वहम की बीमारी को डिल्यूशन डिसऑर्डर भी कहते हैं। किसी भी व्यक्ति के मन में स्थाई भ्रम को पैदा कर सकती है। भ्रम विचित्र या अविचित्र हो सकता है। पीड़ित व्यक्ति का वहम पर अटल विश्वास होता है, अर्थात वह वास्तविकता और काल्पनिकता में अंतर स्पष्ट नहीं कर पाता। वहम की बीमारी समय के साथ बढ़ती जाती है और व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर सकती है। यह बीमारी हिंसा की भावनाओं को भी जन्म दे सकती है। 

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