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एमएलसी तारिक मंसूर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का कुलपति जैसा प्रतिष्ठित ओहदा संभालने के बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद में एमएलसी नियुक्त हुए डा.तारिक मंसूर का मानना है कि पहले हमें तथ्य देखने चाहिए। तब किसी पर नकारात्मक या सकारात्मक टिप्पणी करनी चाहिए। बिना तथ्य जाने टीका टिप्पणी करना उचित नहीं हैं। भाजपा में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा। ये आंकड़े गवाही दे रहे हैं। मैं खुद हमेशा सकारात्मक रवैये के साथ आगे बढ़ा हूं। यह बातें शुक्रवार को उन्होंने मैरिस रोड हफीज मंजिल स्थित अपने आवास पर अमर उजाला से विशेष बातचीत में सवालों के जवाब देते हुए कही।
कुलपति रहते भाजपा के जिन लोगों के निशाने पर रहे, उनसे अब कैसे सामंजस्य बैठेगा ? इस सवाल पर डा.तारिक मंसूर ने कहा कि मैं हमेशा सकारात्मक रवैये वाला व्यक्ति रहा हूं। न किसी से विवाद था, न है और न रहेगा। किसने किस उद्देश्य से टीका-टिप्पणी की, ये मैं नहीं कह सकता। इतना जरूर है कि हर विवाद का हल बैठकर बातचीत से ही निकलता है। उन्होंने कहा कि एएमयू जैसे संस्थान से जुड़े लोग और अलीग बिरादरी पूरी में है। उन्हें भाजपा ने एमएलसी बनाया है। इसका सकारात्मक संदेश पूरी दुनिया में जाएगा। रहा सवाल किसी राजनीतिक दल पर टिप्पणी का, तो बस एक ही सवाल है कि सपा ने मुस्लिमों को आज तक दिया क्या है..? भाजपा की केंद्र व प्रदेश की सरकार ने क्या दिया है ? यह सभी जानते हैं।
लोग पहले इसके तथ्य और आंकड़े देख लें। सभी को बिना भेदभाव के एक समान विकास योजनाओं का लाभ मिल रहा है। चाहे तीन वर्ष से राशन वितरण हो या गैस और शौचालय जैसी जरूरत हो। आवास योजना आदि सभी बिना भेदभाव के मिल रही हैं। क्योंकि संविधान सभी के लिए समान है और सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। रहा सवाल भविष्य का तो पार्टी की सिफारिश पर यह जिम्मेदारी मिली है। आगे जो जिम्मेदारी मिलेगी, उस पर काम करेंगे। वहीं पूर्व कुलपति ने इस बातचीत में अपने चिकित्सकीय जीवन से दूरी बनाने का ऐलान किया। बता दें कि डा.तारिक मंसूर मशहूर सर्जन भी हैं और उनकी पत्नी हामिदा तारिक बाल रोग विशेषज्ञ हैं।
जरूरत देश में शिक्षक-पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देने की
डा.तारिक मंसूर बताते हैं कि मैं चूंकि शिक्षा और स्वास्थ्य, दो क्षेत्रों से जुड़ा रहा हूं। इसलिए इन दोनों क्षेत्र की बातें सदन में रखेंगे। बोले.. मेरी अपनी कुछ योजनाएं हैं, जिन्हें सदन के समक्ष रखूंगा, क्योंकि शिक्षा व स्वास्थ्य दो ऐसे विषय हैं, जिनके लिए हर कोई अपने सपनों को मारकर उन्हें पूरा करता है। इन दिनों जरूरत देश में बच्चे पैदा होने के एक माह तक उन पर विशेष ध्यान देने की है, क्योंकि उनमें इस एक माह में तमाम बीमारियां लग जाती हैं। वह खुद बिल गेट्स फाउंडेशन के साथ जुड़कर 16-17 जनपदों में इस पर काम कर रहे थे। इसलिए जरूरी है पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाए। साथ में शिक्षा में सुधार के लिए हर स्तर के शिक्षक को रिफ्रेशर ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम की जरूरत है। अब कंप्यूटर, विज्ञान व तकनीक बदल रही है। इस प्रशिक्षण में क्षेत्रीय भाषा को शामिल करने की भी जरूरत है। पूर्व में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद बनी एक समिति में खुद सदस्य रहते यह सिफारिश की थी। इसी बात को आगे रखेंगे।
पद्म सम्मान चयनित समिति के सदस्य रहे तारिक मंसूर
तारिक मंसूर को भाजपा पिछले काफी समय से महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देती आ रही है। इसी कड़ी में वह बीते वर्ष की पद्म सम्मान चयन, सिफारिश समिति के सदस्य भी रहे। वह बताते हैं कि देश के हर क्षेत्र से कुछ लोगों को इस समिति में शामिल किया जाता है। इस बार उन्हें रखा गया था। जिसकी दो बैठकों में ऑनलाइन शामिल हुए और तीसरी बैठक में गृह मंत्रालय में खुद मौजूद रहे। दोनों पद्म सम्मान समारोहों में भी उन्हें समिति सदस्य के नाते आमंत्रित किया गया और वे दूसरी पंक्ति में मौजूद रहे। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे इन दिनों केंद्र सरकार व भाजपा के कितने करीब हैं।
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