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यूपी नगर निकाय चुनाव
– फोटो : अमर उजाला
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निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार में चुनाव आयोग केे निर्देश पर केवल तय रकम ही खर्च कर सकेंगे। मेयर पद के लिए 40 लाख रुपये खर्च सकेंगे। नगर पालिका के लिए नौ लाख रुपये एवं नगर पंचायत सदस्य के लिए ढ़ाई लाख रुपये, पार्षद तीन लाख, नगर पालिका सदस्य दो लाख, नगर पंचायत सदस्य 50 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे।
मेयर पद के प्रत्याशी इस बार चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 लाख रुपये की धनराशि ही खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा नगर पालिका के चेयरमैन के प्रत्याशियों के लिए नौ लाख रुपये खर्च करने की अधिकतम खर्च की सीमा निर्धारित की गई है। नगर पंचायत के प्रत्याशी अधिकतम ढ़ाई लाख रुपये खर्च कर पाएंगे। पार्षद की खर्च सीमा तीन लाख रुपये निर्धारित की गई है।
नगर पालिका के सदस्य अधिकतम दो लाख एवं नगर पंचायत के सदस्य पद के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये खर्च कर पाएंगे। जिला प्रशासन की ओर से जल्द ही प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए समिति का गठन कर दिया जाएगा। सहायक निर्वाचन अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि चुनाव संचालन समिति के सदस्य नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम तक प्रत्याशियों द्वारा विभिन्न मदों में खर्च किए जाने वाले खर्च का विवरण तैयार करेंगे। प्रत्याशियों को व्यय के लिए अलग से खाता खोलना होगा।
इसकी सूचना रिटर्निंग आफिसर एवं जिला स्तरीय समिति को देनी होगी। आयोग द्वारा जारी प्रारूप पर निर्वाचन लेखा रजिस्टर तैयार कराकर रिटर्निंग ऑफीसर को उपलब्ध कराना होगा। प्रत्याशियों द्वारा प्रतिदिन खर्च की गई धनराशि को अलग-अलग व्यय लेखा रजिस्टर में दर्ज करना होगा। कोई प्रत्याशी तय सीमा से अधिक खर्च करेगा तो जिला स्तरीय समिति आयोग को इसकी सूचना देगी।
नगर निगम में तीन, सभासद के वार्ड आरक्षण पर नहीं मिली कोई आपत्ति
शासन स्तर से नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए जारी आरक्षण पर शुक्रवार को जिला प्रशासन ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। नगर निगम में आयी तीन आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया है। जबकि सभासद के वार्ड आरक्षण पर किसी तरह की कोई आपत्ति दर्ज नहीं हुई है। सभासद पद के प्रस्तावित आरक्षण पर कलक्ट्रेट में दावे-आपत्ति मांगे गए थे। बृहस्पतिवार को इसका अंतिम दिन था, लेकिन इस अवधि में एक भी आपत्ति दर्ज नहीं हुई। चेयरमैन और मेयर पद की आपत्तियां लखनऊ में प्रमुख सचिव स्तर पर ली गई थीं, जहां से सभी आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया है। संभावना है कि शनिवार तक आरक्षण की अंतिम सूची एवं चुनावी कार्यक्रम की घोषणा चुनाव आयोग स्तर से की जा सकती है।
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