उन्नाव जिले में सोहरामऊ क्षेत्र के गांव बीकामऊ में छह महीने अकेली रहने वाली वृद्धा की उसके ही घर में की गई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया। वृद्धा की देखभाल करने वाली भतीजी ने मकान बनाने के लिए जमीन न देने की खुन्नस में वृद्धा के बटाईदार के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था।
पुलिस ने हत्यारोपी भतीजी और बटाईदार को गिरफ्तार किया है। बीकामऊ गांव में खेत में मकान बनाकर रह रहीं 60 वर्षीय शारदा देवी दीक्षित की सात अप्रैल 2022 को उसके ही घर में ही वजनदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। खून से लथपथ शव मिलने पर पुलिस ने घटना की जांच की थी।
एएसपी शशिशेखर सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण कर खुलासे के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष अमित सिंह के साथ एसओजी को लगाया था। लेकिन घटना का खुलासा नहीं हो सका था। इसके बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष अमित सिंह का तबादला सफीपुर कोतवाली हो गया।
मगरवारा चौकी इंचार्ज संदीप मिश्र को सोहरामऊ का थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। थानाध्यक्ष संदीप मिश्रा और स्वाट प्रभारी एसएन सिंह ने एक बार फिर घटना की जांच शुरू की। सर्विलांस टीम की मदद से संदिग्धों को उठाकर फिर से पूछताछ शुरू की।
जांच में पता चला कि वृद्धा की देखभाल करने वाली उसकी भतीजी अनीता ने वृद्धा के बटाईदार संतू रावत के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। भतीजी, वृद्धा द्वारा मकान उसके नाम न करने से नाराज थी। दोनों को उठाकर पूछताछ शुरू की तो घटना का खुलासा हो गया।
मायके में अकेली रहती थी अनीता
हत्यारोपी अनीता घर पर अकेली रहती थी। 18 साल पहले अनीता की शादी हरदोई के संडीला निवासी योगेश से हुई थी। उसके दो बेटे भी हैं। बड़ा बेटा शिवांग 17 और शौर्य 17 साल का है। बताया कि पति उसके साथ मारपीट करता था। इस पर वह 12 साल पहले बच्चों को लेकर मायके चली आई थी।
यहीं रहकर चाची की देखभाल करती थी। अनीता के माता-पिता की मौत हो चुकी है। हत्यारोपी अनीता जिस मकान में दो बेटों संग रह रही थी। वह मकान उसके भाई का है। उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था। वृद्ध चाची से सेवा के बदले मकान बनाने के लिए जमीन मांगी थी, लेकिन वृद्धा ने मना कर दिया था।