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हाथी को गर्मी से राहत देने के लिए महावत उसे पानी से भिंगो दिया।
– फोटो : शिवहर्ष द्विवेदी।
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पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रहे तापमान ने मुसीबत खड़ी कर दी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो इस सप्ताह बढ़कर 42 तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, तेजी से बढ़ता तापमान हीटस्ट्रोक का कारण बनता है। जरा सी लापरवाही से यह मौसम जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस मौसम में लापरवाही से हीटस्ट्रोक का खतरा 95 फीसदी तक बढ़ जाता है। हीटस्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जब शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंच जाता है। ऐसे में शरीर के बढ़े हुए तापमान को समय पर संतुलित नहीं किया जाए, तो यह दिमाग और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाता है और मौत का कारण भी बन सकता है।
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डॉ. राजेश के अनुसार, हीटस्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और मोटे लोगों काे होता है। बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं तो ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
भारतीय मौसम विभाग ने किया सतर्क
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. गगन गुप्ता ने बताया कि इस साल भारतीय मौसम विभाग ने तापमान को लेकर सतर्क किया है। आगाह किया है कि जिले में तापमान 43 से 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है। ऐसे में हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक है। ओपीडी में आने वाले मरीजों को सलाह दी जा रही है कि धूप से बचें और बहुत जरूरी न हो तो दिन में घर से न निकलें।
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