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पीएम किसान सम्मान निधि योजना।
– फोटो : सोशल मीडिया
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अलीगढ़ में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कृषि एवं राजस्व विभाग की जांच में करीब छह हजार अपात्र किसान सामने आए हैं। जिन्हें अपात्र होने के बाद भी सम्मान निधि का लाभ दे दिया गया। कई तो ऐसे भी अपात्र मिले हैं जो न केवल भूमिहीन थे, बल्कि दूसरी तहसीलों के रहने वाले भी थे। अब ऐसे चिन्हित किसानों से बैंकों के माध्यम से नोटिस भेजकर धनराशि वापस लेने की कार्रवाई की जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा जिले के करीब 3.75 लाख किसानों के खातों में ऑनलाइन प्रधानमंत्री सम्मान निधि भेजी जा रही है। फसल बीमा योजना के माध्यम से भी किसानों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान पर आर्थिक मदद दिए जाने की व्यवस्था की गई है। बाढ़, आंधी, बारिश, तेज हवा से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा करने वाली कंपनी करती है।
भूमिहीन फिर भी मिल रही थी सम्मान निधि
जिले की अतरौली, कोल, इगलास, खैर एवं गभाना तहसील में कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के स्तर से जांच-पड़ताल की गई तो पता चला कि कई ऐसे अपात्र हैं, जो भूमिहीन हैं। इसके बावजूद उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। पिछले दिनों तहसील गभाना के सौंगरा गांव के कई ग्रामीणों को अतरौली तहसील के धनसारी गांव का मूल निवासी बताते हुए सम्मान निधि का लाभ दिलाए जाने का मामला प्रकाश में आ चुका है। राजस्व टीम की जांच में इस पूरे खेल का खुलासा हुआ है। खास बात यह है कि इनमें से किसी के नाम पर जमीन नहीं है। भूमिहीन होने के बाद भी इन्हें सम्मान निधि का लाभ दिया गया था। किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की यह तो केवल बानगी भर है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में करीब छह हजार किसान अपात्रता की श्रेणी में पाए गए हैं। गड़बड़ी पर सभी पात्रों की नये सिरे से जांच कराई जा रही है। कृषि विभाग के साथ ही राजस्व विभाग की टीमें इसमें जुटी हुई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अपात्रों से धनराशि वापसी के लिए जिले की सभी बैंकों को पत्र भेजकर वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। -यशराज सिंह, उपकृषि निदेशक
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