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लिवर प्रतीकात्मक
– फोटो : iStock
विस्तार
अनियमित जीवनशैली और बेतरतीब खानपान समेत तमाम कारणों से लिवर कम उम्र में ही खराब होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। इसमें शराब का अत्याधिक सेवन व हेपेटाइटिस ए, बी, सी व डी का संक्रमण लिवर पर सबसे बुरा असर डालता है। जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में लिवर खराब होने व लिवर कैंसर के मामलों तेजी से इजाफा हो रहा है। अलीगढ़ में रोजाना लिवर की 600 जांच विभिन्न पैथोलॉजी में कराई जाती हैं।
लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है, डॉक्टर इसे पावर हाउस कहते हैं। यह जो भी शरीर में जाता है, उसे पचाने, विषैले पदार्थ को बाहर निकालने, खून को फिल्टर करने और हार्मोन बनाने के साथ-साथ ताकत बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही लिवर के साथ शरीर के साथ खिलवाड़ कर सकती है। इसलिए इसका ध्यान रखना जरूरी है। जरा सी गड़बड़ पर तत्काल डॉक्टर की सलाह लें और बेतरतीब खानपान के साथ-साथ अल्कोहल से बचें।
स्वस्थ जीवनशैली से ही बचाव
सीएमओ डा.नीरज त्यागी बताते हैं कि लिवर की समस्या होने पर स्वस्थ जीवनशैली से बचाव संभव है। शरीर में होने वाले बदलाव हमें लिवर में समस्या का संकेत देने लगते हैं। इसके लिए अनुवांशिक, गलत जीवनशैली व खानपान, एल्कोहल, तंबाकू का अधिक सेवन, अधिक कालेस्ट्राल वाला आहार व हेपेटाइटिस संक्रमण मुख्य रूप से जिम्मेदार है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि अच्छी नींद लें। क्योंकि नींद पूरी न होने पर मेटाबालिज्म (भोजन को पचाकर ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया) पर असर पड़ता है, जो सीधे लिवर से जुड़े रोग पैदा करता है। यही वजह है कि इन दिनों फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है। दूषित पेयजल, संक्रमित ब्लड, इंजेक्शन, लार या संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध आदि हेपेटाइटिस पैदा करता है।
छोटे छोटे संकेत पर होती है लिवर की जांच
शहर प्रमुख पैथोलॉजी संचालक डा.विवेक जैन बताते हैं कि हेपेटाइटिस ए, बी या सी इंफेक्शन से लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ता है। हेपेटाइटिस बी व सी के पुराने मामले लिवर कैंसर में बदल जाते हैं। अपने यहां स्लम इलाकों में हेपेटाइटिस के सर्वाधिक मरीज जांच के लिए आते हैं। हर छोटे छोटे संकेत पर लिवर की जांच कराई जाती है। जिसमें फेटी लिवर, सूजन, संक्रमण सामान्य बीमारियां पाई जाती हैं। इससे आगे हेपेटाइटिस और कैंसर व लिवर डेमेज तक होने का डर रहता है।
लोगों को अपने खान पान में सुधार लाना होगा। अल्कोहल और जंक फूड लिवर संबंधी बीमारी के वर्तमान में प्रमुख कारण हैं। इससे बचाव जरूरी है। स्लम एरिया में दूषित पानी की आपूर्ति पीलिया रोग पैदा करती है। हमारे यहां स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निशुल्क जांच व निशुल्क दवा का प्रोग्राम जेएन मेडिकल कॉलेज में चलता है। लोग वहां लाभ ले सकते हैं। समय पर इसके टीके भी लगवाएं। बच्चों को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके भी निशुल्क लगाए जाते हैं। बेवजह दवा खाने से भी बचें।-डा.नीरज त्यागी
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