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फोटो-16, 18 व 19
कहीं तेज तो कहीं हुई हल्की बारिश
-रविवार को पूरे दिन बदला रहा मौसम
-तेज हवाओं से असोहा में सडक़ पर गिरा पेड़
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जनपद में कहीं तेज तो कहीं पर हल्की बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं तेज हवा से असोहा में सडक़ पर पेड़ गिर गया। इससे आवागमन बाधित रहा। दूसरी ओर गेहूं की खेत में खड़ी फसल को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं।
रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे थे। सुबह 11 बजे के करीब कुछ देर के लिए तेज धूप निकली, लेकिन थोड़ी ही देर में फिर बादलों ने डेरा जमा लिया। दोपहर एक बजे के करीब बारिश शुरू हो गई। शहर में करीब आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद भी देरशाम तक रुक, रुककर कई बार हल्की बारिश हुई। वहीं अचलगंज में तेज हवा के साथ बारिश हुई। पुरवा व हसनगंज में बूंदाबांदी हुई। नवाबगंज में करीब 15 मिनट तक तेज बारिश हुई।
बारिश से खेत में खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। वहीं बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को जहां अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस था वहीं रविवार को घटकर 32 पर पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी 21 से कम होकर 20 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि इस हफ्ते भी आसमान में बादल रहने की संभावना जताई गई है।
-पाटन। रविवार दोपहर धूल भरी आंधी चलने से आम के पेड़ों में लगी अमिया गिरने से बागवानों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं कटी गेहंू की फसल का भूसा काफी उड़ गया है। गेहूं की फसल की कुछ हिस्से में कटाई चल रही है। मौसम बदलते ही किसान फसल कटाई में जुट गए। आंधी से क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
पेड़ गिरने से आवागमन बाधित
असोहा। रविवार दोपहर बाद तेज आंधी से हुई बारिश से भल्लाफार्म-असोहा मार्ग पर कांथा, गोसाईखेड़ा, पाठकपुर मोड़ पर पेड़ गिर गए। इसके चलते घंटों यातायात प्रभावित रहा। वहीं पाठकपुर, कालूखेड़ा, पड़वाखेड़ा और पुरवा उपकेंद्र से जुड़े क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।
औरास प्रतिनिधि के मुताबिक बरसात से फसलों का नुकसान झेल चुके किसानों की धुकधुकी रविवार को फिर बढ़ गई। मार्च में ओलावृष्टि व बारिश से फसलों के नुकसान का दर्द किसान झेल चुके हैं। इसी कारण रविवार को अचानक बदले मौसम को देख खेतों में पहुंच गए और खेत में पड़ा भूसा उठाकर घर ले जाने में जुट गए। किसानों में रामकिशन, सत्यनारायण, वीरेंद्र कुमार, कमलेश व हरीबाबू आदि का कहना है कि यदि फिर बरसात होती है तो जिनकी गेहूं की फसल अभी खेत में ही खड़ी है उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है।
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