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पड़ताल
फोटो-15-पुरवा के त्रिपुरारपुर में हैंडपंप से पानी भरते लोग।
फोटो-16-शादीपुर गांव में शोपीस बनी पानी की टंकी।
फोटो-19-बीघापुर के खरझहरा गांव में पीने का पानी लेकर जाते ग्रामीण।
पाइपलाइन व मोटर खराब होने से ट्यूबवेल व पानी की टंकियां बनीं शोपीस
वर्ष 1995 में कराया गया था पानी की टंकियों का निर्माण, पूरी हो चुकी मियाद
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट गहराता जा रहा है। पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त व मोटर खराब होने से 41 ट्यूबवेल व पानी की टंकियां शोपीस बनकर रह गई हैं। शुद्ध पानी न मिलने के कारण करीब दो लाख की आबादी हैंडपंपों से निकल रहे फ्लोराइडयुक्त व दूषित पानी पीने को मजबूर है।
ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में ग्राम समूह पेयजल परियोजना के तहत 72 ग्राम पंचायतों में ट्यूबवेल व पानी की टंकियां स्थापित कराई गई थीं। इसके अलावा गांवों में पाइपलाइन भी बिछाई गईं थीं। उस समय परियोजना का काम जलनिगम के पास था। समय बीतने के साथ ही पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होती गईं। कुछ जगहों पर मोटर खराब हो गई। वर्तमान में 41 ट्यूबवेल व पानी की टंकियों से पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ी है, जिस कारण गांवों में पानी की किल्लत हो गई है। लोग दूरदराज लगे हैंडपंपों से पानी लाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हैंडपंपों से दूषित व फ्लोराइडयुक्त पानी निकलता है, लेकिन मजबूरी में उसका उपयोग करना पड़ता है। वहीं जानकारों के मुताबिक, एक टंकी की मियाद अधिकतम 15 से 20 साल ही होती है। वर्तमान में जो टंकियां हैं, वे अपनी मियाद पूरी कर चुकी हैं। ऐसे में इनकी मरम्मत में दिक्कत आ रही है।
इंसेट
यहां है पानी का संकट
पुरवा की सेमरीमऊ, पल्हरी, बेहटा भवानी, सिजनी, त्रिपुरारपुर, गंजमुरादाबाद की महमदाबाद, ब्योलीइस्लामाबाद और खैरहन, असोहा की बैगांव, जोरावरगंज व मिर्रीकला, बेहटा मुजावर की शादीपुर व गौरियाकला, हसनगंज की सदाना, नवाबगंज की भौली, दरियापुर अजीजपुर, मकूर, गौरा व मलावं, त्रिपुरारपुर, मिर्रीकला, भूपतिपुर, ददलहा, सकहन राजपूतान, मुस्तफाबाद सफीपुर, ओसिया, लवानी झूलूमऊ, हसनपुर कलवारी, सफीपुर ग्रामीण, बेथर, जमीपुर जोन-1, औरास, अटिया, बिरसिंहपुर, धमियाना, धनकौली, दुबई, गजफ्फरनगर, महमूदपुर और रामपुर गढ़ौवा।
वर्जन
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हर घर नल से जल योजना शुरू हुई है। इस योजना के जरिए ही घरों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाना है। योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। जल्द ही काम शुरू कराया जाएगा।
ऋषिराज, मुख्य विकास अधिकारी
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