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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 22 Feb 2022 01:26 AM IST
सार
यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने राहुल पांडेय व दो अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के पास अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्ति के प्रयोग के तहत जांच में हस्तक्षेप करने की कोई शक्ति नहीं है।
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विस्तार
यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने राहुल पांडेय व दो अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के पास अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्ति के प्रयोग के तहत जांच में हस्तक्षेप करने की कोई शक्ति नहीं है।
मामले में याची के खिलाफ फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि पुलिस ने सूचना मिलने पर एक ट्रक को पकड़ा और उसकी तलाशी पर चालक के केबिन में तकरीबन साढ़े चार क्विंटल गांजा बरामद किया। ट्रक में सवार दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद निचली अदालत की ओर से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 67 के तहत याचिकाकर्ताओं राहुल पांडे और दो अन्य को नोटिस जारी किया गया। इसमें उन्हें पांच जनवरी 2022 को लखनऊ में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया।
इस पर याचिकाकर्ताओं ने जवाब में खुद के पेश होने में असमर्थता व्यक्त की और प्रार्थना की, कि उनका बयान जिला हाथरस में दर्ज किए जाए लेकिन संबंधित विभाग ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका दाखिल की। इसमें एफआईआर रद्द करने की मांग की गई।
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