दुर्लभ तारीख 22-2-22 में गूंजीं 22 किलकारियां

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उन्नाव। ‘22-2-22’ की दुर्लभ तिथि पर जन्म लेने वाले शिशु कुछ खास हो गए हैं। उनके माता-पिता और परिजनों को इस बात की खुशी है कि इन बच्चों की जन्मतिथि हमेशा यादगार रहेगी।
अब कई पीढ़ियों तक इस तरह की दुर्लभ तिथि दोबारा नहीं आएगी। जनपद के सरकारी अस्पतालों में 22 फरवरी को रात 12 बजे से शाम पांच बजे तक 22 बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं।
सबसे ज्यादा खुशी बीघापुर के टेनई निवासी इंद्रबहादुर और उनकी पत्नी शालिनी को मिली है। इन्होंने दुर्लभ तारीख में जुड़वां बेटों को जन्म दिया है। इनके यहां खुशियों का डबल धमाका हुआ है।
खास बात ये है कि इससे पहले इनके यहां जुड़वा बेटियों का जन्म हो चुका है। इनके अलावा दुर्लभ तारीख में जन्म देने वाली माताओं का कहना है कि बच्चे के जन्म की तारीख, महीना और साल का अंक एक समान होना किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
जब भी जन्मदिन मनाएंगे, ये तिथि याद आने से नया उत्साह रहेगा। तारीख लिखने में दो का अंक छह बार आ रहा है। ऐसा बहुत कम होता है। यह एक ऐसी तारीख है जिसे सीधा व उल्टा दोनों ओर से पढ़ा जा सकता है। इस तारीख को सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया जा रहा है।
जिला महिला अस्पताल में छोटा चौराहा निवासी अलका पत्नी राहुल ने बेटी को जन्म दिया। अल्का ने कहा कि विशेष तिथि पर बेटी ने जन्म लिया है। यह तिथि हमेशा याद रहेगी।
पीडीनगर की सोनम पत्नी अमित कुमार ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। तिथि को लेकर वह काफी उत्साहित दिखीं। बताया कि यह खुशी बढ़ाने वाला संयोग है।
पंचमखेड़ा निवासी जाविदा पत्नी असलम ने औरास पीएचसी में बेटी को जन्म दिया। कहा कि जब भी बेटी का जन्मदिन मनाऊंगी यह तिथि याद आएगी।
हिलौली ब्लॉक के गांव अयोध्याखेड़ा निवासी नीरज की पत्नी अनीता ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया। शुभ दिन व तिथि में हुए बच्चे का नाम उन्होंने अविराज रख दिया।
दोहरी खुशी, पहले जुड़वा बेटी, आज जन्मे जुड़वा बेटे

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उन्नाव। ‘22-2-22’ की दुर्लभ तिथि पर जन्म लेने वाले शिशु कुछ खास हो गए हैं। उनके माता-पिता और परिजनों को इस बात की खुशी है कि इन बच्चों की जन्मतिथि हमेशा यादगार रहेगी।

अब कई पीढ़ियों तक इस तरह की दुर्लभ तिथि दोबारा नहीं आएगी। जनपद के सरकारी अस्पतालों में 22 फरवरी को रात 12 बजे से शाम पांच बजे तक 22 बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं।

सबसे ज्यादा खुशी बीघापुर के टेनई निवासी इंद्रबहादुर और उनकी पत्नी शालिनी को मिली है। इन्होंने दुर्लभ तारीख में जुड़वां बेटों को जन्म दिया है। इनके यहां खुशियों का डबल धमाका हुआ है।

खास बात ये है कि इससे पहले इनके यहां जुड़वा बेटियों का जन्म हो चुका है। इनके अलावा दुर्लभ तारीख में जन्म देने वाली माताओं का कहना है कि बच्चे के जन्म की तारीख, महीना और साल का अंक एक समान होना किसी उपलब्धि से कम नहीं है।

जब भी जन्मदिन मनाएंगे, ये तिथि याद आने से नया उत्साह रहेगा। तारीख लिखने में दो का अंक छह बार आ रहा है। ऐसा बहुत कम होता है। यह एक ऐसी तारीख है जिसे सीधा व उल्टा दोनों ओर से पढ़ा जा सकता है। इस तारीख को सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया जा रहा है।

जिला महिला अस्पताल में छोटा चौराहा निवासी अलका पत्नी राहुल ने बेटी को जन्म दिया। अल्का ने कहा कि विशेष तिथि पर बेटी ने जन्म लिया है। यह तिथि हमेशा याद रहेगी।

पीडीनगर की सोनम पत्नी अमित कुमार ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। तिथि को लेकर वह काफी उत्साहित दिखीं। बताया कि यह खुशी बढ़ाने वाला संयोग है।

पंचमखेड़ा निवासी जाविदा पत्नी असलम ने औरास पीएचसी में बेटी को जन्म दिया। कहा कि जब भी बेटी का जन्मदिन मनाऊंगी यह तिथि याद आएगी।

हिलौली ब्लॉक के गांव अयोध्याखेड़ा निवासी नीरज की पत्नी अनीता ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया। शुभ दिन व तिथि में हुए बच्चे का नाम उन्होंने अविराज रख दिया।

दोहरी खुशी, पहले जुड़वा बेटी, आज जन्मे जुड़वा बेटे

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