जयगुरुदेव आश्रम में उमड़ा आस्था का सैलाब: पांच दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग मेले का तीसरा दिन, जुटे हजारों अनुयायी

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Flood of faith gathered in Jaygurudev Ashram Third day of five-day spiritual satsang fair

पंकज महाराज
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मथुरा हाइवे स्थित जयगुरुदेव आश्रम और आसपास के क्षेत्र में यूं तो पिछले दो दिन से भीड़ का आलम देखा जा रहा था, लेकिन शुक्रवार तड़के तीन बजे ऐसा लगा मानों सारे रास्ते आश्रम की तरफ जा रहे हों। हजारों की तादाद में लोग आश्रम में बने प्रवचन स्थल पर जुटने लगे थे और उनके लिए आज दिन खास भी था क्योंकि जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज महाराज का आगमन होना था। 

प्रदेश के अन्य जनपदों के अलावा अन्य राज्यों से हजारों अनुयायी नींद त्याग कर उत्साह के साथ आश्रम की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे थे। इतनी भीड़ के बावजूद अनुशासन इतना की कहीं भी आपाधापी, मारामारी नहीं दिखी। व्यवस्था बनाने के लिए अनुयायी ही जगह-जगह तैनात थे। वो चाहे भक्तों को नाश्ता वितरित करना हो, लाइनें लगवाकर बैठाना हो या रोड पर बिना किसी जाम के उन्हें आश्रम में प्रवचन स्थल तक लाना हो। सब काम बेहद व्यवस्थित तरीके से हो रहे थे।

करीब साढ़े पांच बजे खुली गाड़ी में सवार होकर पहुंचे पंकज महाराज ने भक्तों को दर्शन दिए तो उनकी जय जयकार से माहौल गुंजायमान हो उठा। अपने गुरुदेव की तस्वीर के समक्ष पूजा अर्चना के बाद भक्तों की अथाह भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने गुरु की महिमा, आत्मा-परमात्मा और साधना की चढ़ाई के गूढ़ रहस्य पर प्रकाश डाला। लोगों से अच्छे समाज के निर्माण के लिए शाकाहारी बनने, नशा त्यागने, धर्म के प्रचार करने और मानव जीवन को सफल बनाने का आह्वान किया। ‘धाम अपने चलो भाई, पराये देश क्यों रहना, काम अपना करो जाई, पराये काम नहीं फंसना।’इन पंक्तियों के जरिए उन्होंने कहा कि यह मृत्युलोक काल प्रभु का देश है। आप सचखंड देश के वासी हैं और आपकी कौम सतनाम है। 

पंकज महाराज ने कहा कि हम इस मनुष्य शरीर में कौन हैं, कहां से आए हैं और मरने के बाद कर्म फल भोगने के लिए कहां जाएंगे आदि प्रश्नों का चिंतन करना चाहिए। यह शरीर आपका नहीं है। आपका होता तो आप सदा इसमें रहते। उन्होंने ‘सतगुरु पर करो भरोसा, फिर न कुछ अफसोसा’ के जरिए संदेश दिया कि जब आपको शब्द भेदी गुरु मिल गए तो मन और चित्त को एकाग्र कर उन पर भरोसा और विश्वास करना चाहिए। भरोसा और विश्वास परमार्थ की पहली सीढ़ी है। गुरु भक्ति का अर्थ है आदेश पालन करना। सभी को शब्द भेदी गुरु की खोज करनी चाहिए, जिनको नामदान यानि सुरत-शब्द भेद मिल गया है उनको साधना करनी चाहिए।

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पुलिस-प्रशासन से पृथक हैं व्यवस्थाएं

यह पहली बार नहीं हो रहा, जब जयगुरुदेव आश्रम में हो रहे कार्यक्रम में हजारों की संख्या के बावजूद पुलिस और प्रशासन नहीं दिखा। यहां की सभी व्यवस्थाएं जयगुरुदेव आश्रम के अनुयायी ही संभालते हैं। यहां तक कि नेशनल हाईवे पर भीड़ को नियंत्रित करने का काम भी अनुयायियों के ही हवाले है। मंदिर और प्रवचन स्थल पर भी यही स्थिति है। अनुयायी खुद ही लाइन लगाकर पूजा कार्यक्रम में शामिल होते हैं।

दहेज रहित 24 विवाह हुए

बाबा जयगुरुदेव महाराज का 11वें वार्षिक भंडारा एवं आध्यात्मिक सत्संग मेला 17 मई से शुरू हुआ,जो 21 मई तक चलेगा। इस दौरान अब तक 24 युगलों का दहेज रहित विवाह हुआ है। यह प्रक्रिया निरंतर अभी जारी है। प्रचारक बाबूराम ने बताया कि प्रात:काल सत्संग से पहले अंतरमुखी साधना का अभ्यास भी किया जाता है। शाम को भजन, विचार गोष्ठी, गुरु महाराज का पूजन का कार्यक्रम चलता है।

पांच दिन का होगा गुरु पूर्णिमा मेला

पंकज महाराज ने शुक्रवार को बाबा अनुयायियों को बताया कि अब गुरु पूर्णिमा पर पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होगा। यह कार्यक्रम एक से पांच जुलाई तक चलेगा। उन्होंने लोगों से जयगुरुदेव आश्रम में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की।

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