महाठग आरके गोला की कहानी: झोलाछाप बनकर किया इलाज… चलाई चाक, फिर बना ठग और जमाई धाक; अब जीता है रॉयल जिंदगी

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Mahathug RK Gola Story Leader birthdays are celebrated amidst luxury facilities at dairy farm

अभिनेत्री जरीन खान के साथ आरके गोला
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

आईसीएल कंपनी के मालिक महाठग आरके गोला के कारनामे जिस तरह से लोगों को हैरत में डाल रहे हैं, वैसे ही इसके जीवन की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। सभी इसके शातिर दिमाग की भी चर्चा कर रहे हैं। बदायूं के रमजानपुर गांव का रहने वाला रामस्वरूप गोला गरीब परिवार से जुड़ा शख्स है। तरक्की पाने के लिए उसने हर तरह के हथकंडे अपनाए। 

बरेली आकर आरके गोला के तौर पर पहचान बनाई और चमकने के लिए कई पड़ाव पार किए। कभी उसने चाक चलाकर कुल्हड़ बनाए। कभी झोलाछाप की तरह लोगों का इलाज किया। थोड़े थोड़े समय में वह अपना काम बदलता रहा। देखते ही देखते उसका राजनैतिक दलों से जुड़ाव हो गया। राजनेताओं और चर्चित अभिनेत्रियों की उसके कार्यक्रमों में शिरकत होने लगी।

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आरके गोला के माता-पिता और एक भाई आज भी रमजानपुर में रहते हैं। गांव के लोग बताते हैं कि कुम्हारी इनका पुश्तैनी काम है। गोला भी कुल्लड़ और घड़े बनाता था। इसके बाद एक डॉक्टर के पास कंपाउंडर की तरह रहा। फिर खुद झोलाछाप के तौर पर दुकान चलाई। 15 साल पहले तक उसकी आर्थिक स्थिति सामान्य ही थी। जब एक कंपनी में एजेंट के तौर पर काम शुरू किया तो वह तरक्की करता चला गया। 

बरेली आकर मार्केटिंग सेक्टर में कुछ नौकरियां कीं और फिर अपनी कंपनी आईसीएल खोली। उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बदायूं में गोला का एक समूह था। उससे जुड़े लोगों ने भी मार्केटिंग, रियल एस्टेट व अन्य तरह के काम करके खूब तरक्की की। कुछ लोग राजनीति में भी चमके। इनके संरक्षण से गोला पर हाथ डालने से पुलिस हिचकती रही। 

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