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संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जल संरक्षण के प्रशासन के प्रयास पर नगर पालिका के अधिकारी पानी फेर रहे हैं। शहर क्षेत्र में कई स्थानों पर पाइपलाइन टूटी है। रोजाना सैकड़ों लीटर पानी बह जाता है। अधिकारी पाइपलाइन की मरम्मत कराने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
नगर पालिका क्षेत्र कंजी, कासिफ अली सराय, केसरगंज, दादामियां चौराहा, पुरानी बाजार आदि क्षेत्रों में 120 किमी भूमिगत पाइपलाइनें पचास साल से अधिक पुरानी होने से जवाब दे चुकी हैं। जगह-जगल लीकेज होने से पानी बहता रहता है। हालत यह है कि जलकल विभाग के कर्मी एक जगह मरम्मत करते हैं तो दूसरी जगह से रिसाव शुरू हो जाता है। इससे रोजाना आपूर्ति किया जाने वाला 13 एमएलडी पेयजल का बड़ा हिस्सा नाली-नालों में बह जाता है। मानक के अनुसार शहर में प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 135 लीटर पानी के सापेक्ष विभाग की ओर से मात्र 80.36 लीटर ही आपूर्ति दी जा रही है। नगर पालिका ईओ ओमप्रकाश ने बताया कि अमृत योजना के तहत पूरे शहर में भूमिगत पाइप लाइनें डाली गई हैं। उम्मीद है जलनिगम जल्द जलापूर्ति शुरू कर देगा।
वाटर रिचार्जिंग पिट भी कारगर साबित नहीं हुए
दस साल पहले कलक्ट्रेट, विकास भवन व निराला प्रेक्षागृह में जल सरंक्षण के लिए वाटर रिचार्जिंग पिट का निर्माण कराया गया था, लेकिन इस समय इन पिटों से एक भी बूंद का संचय नहीं हो पा रहा है। यह पिट केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता अजय शुक्ला ने बताया कि यह पिट कब बने उनकी जानकारी में नहीं है। इस समय यह काम नहीं कर रहे हैं। अगले एक साल में 169 सरकारी इमारतों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाकर 9.50 करोड़ लीटर वर्षा जल संरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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