आगरा में एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव: फिओ महानिदेशक ने कहा- चीन से दुनिया का मोहभंग, मौके का फायदा उठाएं निर्यातक

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सार

फिओ के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने कहा कि आगरा में आईटी उद्योग और मेगा लेदर क्लस्टर की जरूरत है, जिसके लिए फिओ सरकार के सामने पैरवी करेगा।

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कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया चीन के खिलाफ है। चीनी उत्पादों से उनका मोहभंग हो चुका है। शोरूम के सेल्फ में रखा चीन का उत्पाद ग्राहक नहीं खरीद रहे, ऐसे में लेदर कारोबारी मौके का फायदा उठाएं। जब तक चीन पुराने ढर्रे पर लौटे, तब तक भारतीय निर्यातक दुनिया के बाजार में अपनी पकड़ बना लें। यह सुनहरा मौका है, जब सरकार भी निर्यातकों की मुश्किलें दूर कर निर्यात को बढ़ाने की कवायद में लगी है। 

आगरा में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (फिओ) के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने ताजनगरी के होटल डबल ट्री में आयोजित एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव में निर्यातकों से दुनिया भर के बाजारों में अपनी पकड़ बनाने के लिए कहा। कॉन्क्लेव में निर्यातकों ने अपने सामने माल तैयार करने, ढुलाई और कच्चे माल में तेजी के साथ सरकारी योजनाओं का फायदा न मिलने की शिकायतें भी उठाईं। कॉन्क्लेव का उद्घाटन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने फिओ महानिदेशक, सीईओ डा. अजय सहाय के साथ किया। 

भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कॉन्क्लेव में कहा कि चीन की जगह कंपनियां बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम में इकाइयां लगा रही हैं। उनकी जगह भारत में टैक्सटाइल कंपनियां आएं, केंद्र सरकार इसके प्रयास कर रही है। 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कारोबार में छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। न केवल कपड़ा, बल्कि हैंडीक्राफ्ट, लेदर आदि निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।

400 अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य

फिओ के क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने कहा कि 400 अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को पार कर लिया जाएगा। आगरा से 7500 करोड़ का निर्यात साल 2021 में रहा। इसमें लेदर फुटवियर, मार्बल स्टोन हैंडीक्राफ्ट, प्लास्टिक, गारमेंट, कारपेट, इंजीनियरिंग प्रमुख है। 

आगरा के निर्यातकों ने ये उठाए मुद्दे 

नेशनल चैंबर के जय अग्रवाल ने कहा कि एचएसएन कोड में अंतर आ रहा है। निर्यात व्यापार में एडी कोड चढ़ाया जाता है, पर पूरी गाइडलाइन नहीं है। बैंकें लिमिट कम कर रही हैं। आईटी पार्क खोला जाए तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

माल नहीं भेज पा रहे

निर्यातक प्रदीप वासन ने कहा कि माल तैयार पड़ा है, पर कंटेनर न होने से भेज नहीं पा रहे। विदेशी शिपिंग कंपनियां मनमाने किराए वसूल रही हैं, जो लागत को बढ़ाती है। जो फायदे टैक्सटाइल को दिए जा रहे हैं, वही लेदर इंडस्ट्री को मिलें।  

रिसर्च के लिए सब्सिडी दे 

निर्यातक गोपाल गुप्ता ने कहा कि सरकार लेदर में रिसर्च के लिए सब्सिडी दे ताकि बेहतर रिसर्च देश में ही की जा सके। तकनीक के साथ आगे बढ़ें। लैब, डिजाइनिंग स्टूडियो को प्रोत्साहन दिया जाए।

मेगा लेदर क्लस्टर, आईटी पार्क की पैरवी करेगा फिओ

फिओ के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने कहा कि आगरा में आईटी उद्योग और मेगा लेदर क्लस्टर की जरूरत है, जिसके लिए फिओ सरकार के सामने पैरवी करेगा। चीन केवल उत्पादन में आगे है, जबकि हिंदुस्तान दिमाग और हुनर में आगे है। सरकार से बेहतर सुविधाएं मिले तो निर्यात दो से तीन गुना तक बढ़ सकता है। फार्मा, ऑटोमोबाइल में देश के निर्यातक आगे हैं, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, लेदर, हैंडीक्राफ्ट, इंजीनियरिंग में संभावनाएं अच्छी हैं। 

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अजय सहाय ने निर्यातकों से कहा कि दुनिया भर में इस बार ठंड बढ़ी है। इससे लेदर की मांग बढ़ेगी। नए डिजाइन, इटैलियन डिजाइनरों की मदद से उत्पाद तैयार करें। हमें गुणवत्ता वाले उत्पाद भेजने है।

देश में बनें कंटेनर, शिपिंग चेन देसी हो

डॉ. अजय सहाय ने कहा कि निर्यातक कंटेनर की समस्या से जूझ रहे हैं। फिओ ने सरकार से मांग की है कि देश में ही कंटेनर का निर्माण होना चाहिए। केवल चीन कंटेनर बनाता है। निर्यातकों को विदेशी शिपिंग लाइन पर निर्भर न रहकर भारतीय शिपिंग लाइन चाहिए। 100 बिलियन डॉलर किराया हम इस पर खर्च करते हैं। भारतीय शिपिंग लाइन बनेगी तो किराया कम होने के साथ हमारी हिस्सेदारी बढ़ेगी।

ये रहे मौजूद

कॉन्क्लेव में स्टेट जीएसटी संयुक्त आयुक्त संजय कुशवाह, सेंट्रल जीएसटी उपायुक्त पल्लव सक्सेना, निदेशक एमएसएमई टीआर शर्मा, क्षेत्रीय अध्यक्ष सीएलई मोती लाल सेठी, फियो की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य गोपाल गुप्ता, रजत अस्थाना, नेशनल चैंबर के जय अग्रवाल, कॉनकॉर के मुख्य महाप्रबंधक विजय कुमार सिंह,  निर्यातक रुबी सहगल, मुकेश बंसल, राजेश अग्रवाल, अवनीश कौशल, मयंक गर्ग आदि मौजूद रहे। 

विस्तार

कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया चीन के खिलाफ है। चीनी उत्पादों से उनका मोहभंग हो चुका है। शोरूम के सेल्फ में रखा चीन का उत्पाद ग्राहक नहीं खरीद रहे, ऐसे में लेदर कारोबारी मौके का फायदा उठाएं। जब तक चीन पुराने ढर्रे पर लौटे, तब तक भारतीय निर्यातक दुनिया के बाजार में अपनी पकड़ बना लें। यह सुनहरा मौका है, जब सरकार भी निर्यातकों की मुश्किलें दूर कर निर्यात को बढ़ाने की कवायद में लगी है। 

आगरा में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (फिओ) के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने ताजनगरी के होटल डबल ट्री में आयोजित एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव में निर्यातकों से दुनिया भर के बाजारों में अपनी पकड़ बनाने के लिए कहा। कॉन्क्लेव में निर्यातकों ने अपने सामने माल तैयार करने, ढुलाई और कच्चे माल में तेजी के साथ सरकारी योजनाओं का फायदा न मिलने की शिकायतें भी उठाईं। कॉन्क्लेव का उद्घाटन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने फिओ महानिदेशक, सीईओ डा. अजय सहाय के साथ किया। 

भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कॉन्क्लेव में कहा कि चीन की जगह कंपनियां बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम में इकाइयां लगा रही हैं। उनकी जगह भारत में टैक्सटाइल कंपनियां आएं, केंद्र सरकार इसके प्रयास कर रही है। 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कारोबार में छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। न केवल कपड़ा, बल्कि हैंडीक्राफ्ट, लेदर आदि निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।

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