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पड़ताल
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8-इनायतपुर की गोशाला में गड्ढे में भरा मवेशियों के पीने के लिए गंदा पानी।
9-मैनीभावाखेड़ा की गोशाला में पुआल खाते खुले में बंधे मवेशी।
खौलता पानी और खुले में तेज धूप में बांधे जा रहे बेजुबान
-औरास में दो गोशालाओं में संरक्षित छुट्टा मवेशियों के लिए नहीं है हरे चारे और ठंडे पानी की व्यवस्था
संवाद न्यूज एजेंसी
औरास। वर्ष 2019 में योगी सरकार ने छुट्टा मवेशियों के लिए गांव में गोशालाओं और निकायों में कान्हा गोशालाओं का निर्माण कराने के आदेश दिए थे। ब्लाक में इस समय कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 15 पशु आश्रय स्थल संचालित हैंं। चार साल बाद भी जिम्मेदार गोशालाओं की व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पाए हैं। नतीजतन गोशालाओं में भूसे, हरे चारे व पानी के इंतजाम के आदेशों को हवा में उड़ाकर रखा गया है। प्रधान व सचिव गोवंशों को दी जाने वाली सुविधाओं पर ध्यान न देकर योजना को ही पलीता लगा रहे हैं। गोवंश खौलता पानी और खुले में तेज धूप में खड़े होने को मजबूर हैं। सीडीओ ऋषिराज ने बताया कि गोशालाओं की जांच कराई जाएगी। व्यवस्थाएं न मिलने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
गोशाला नंबर-1
विकासखंड की इनायतपुर गोशाला में 58 मवेशी संरक्षित हैं। रविवार सुबह यहां गोशाला के बाहर भूसा तो पड़ा मिला लेकिन चरही खाली मिली। भूसा कक्ष नहीं बना है। गोशाला में सफाई भी नहीं मिली। पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं मिली। एक गड्ढे में भरा गंदा और गर्म पानी पीकर मवेशियों को प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्राम प्रधान सजीवनलाल ने बताया कि फरवरी से भुगतान नहीं मिला है। निजी संसाधनों से मवेशियों का पेट भरने का इंतजाम करते हैं।
गोशाला नंबर-2
ब्लाक की मैनीभावाखेड़ा गांव की गोशाला में 45 मवेशी संरक्षित हैं। यहां के हालात बहुत ही खराब हैं। मवेशियों को भेट भरने के लिए सूखा भूसा तो दूर खड़ा पुआल खिलाकर भेट भरा जा रहा है। रविवार सुबह गोशाला में कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। कुछ मवेशी खुले आसमान के नीचे तेज धूप में बंधे थे तो कुछ छुट्टा घूम रहे थे। पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं दिखी। ग्राम प्रधान रमेश कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल बंद बताता रहा।
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