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12-गदनखेड़ा गांव में घर पर लेटी महिलाएं।
13-जिला अस्पताल में भर्ती महिलाएं।
14-घर में रखे आटे को देखती चिकित्सकों की टीम।
खाना खाने के बाद बिगड़ी 35 महिलाओं की हालत
उल्टी दस्त शुरू होने पर सभी को लाया गया सीएचसी
बच्ची सहित 19 महिलाओं की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल किया गया रेफर
संवाद न्यूज एजेंसी
हसनगंज (उन्नाव)। शादी वाले घर में बरात निकासी के बाद रात में खाना खाने पर 35 महिलाओं की हालत बिगड़ गई। आनन फानन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाया गया। तीन साल की बच्ची समेत 19 महिलाओं की हालात गंभीर हालत देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हसनगंज तहसील क्षेत्र के गांव गदनखेड़ा निवासी विश्वनाथ पाल के बेटे विपिन पाल की बरात शनिवार शाम को आसीवन थानाक्षेत्र के गांव छोटा बरहा गई थी। घर में 35 महिलाएं मौजूद थी। महिलाओं ने ही रात में अपने लिए खाना बनाया था। खाना खाने के करीब तीन घंटे बाद सभी की हालत बिगडऩे लगी। उल्टी दस्त शुरू होने की सूचना पर बरात गए परिजन आनन-फानन घर आए और सभी को एंबुलेंस और निजी वाहनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जिसमें तीन साल की बच्ची सहित 19 महिलाओं की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल में भर्ती महिलाओं में सियादुलारी (60), अनूप कुमारी (27), रुक्कमीना (55), रामेश्वरी (60), जगरानी (50), रामपति (55), बिटान (46), पंकज की पुत्री अंकिता (3), शिवपाल की बेटी शिवांशी (3), अंजू (26), शिवाना (70), जगदेई (63), रामदेई (70), अंजू पाल (30), राजरानी (45), गीता (50), रघुरानी (45), तेवराना (60) शिवदेवी (48) शामिल रहीं। इमरजेंसी में मौजूद डॉ. फैसल जुबेर ने बताया कि सभी की हालत में सुधार है। शाम तक सभी को घर भेज दिया गया।
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बना था ताजा खाना, छिपकली गिरने की आशंका
जिला अस्पताल अस्पताल में भर्ती महिलाओं ने बताया कि खाना ताजा बनाया गया था। खाने में छिपकली गिरने की आशंका है। वहीं परिवार के कपिल ने बताया कि रात में बरात जाने के बाद घर में आलू मटर की सब्जी, उर्द की दाल, चावल व रोटी बनाई गई थी। वहीं बरात निकासी के दौरान लोगों को पानी पिलाने के लिए मीठी बूंदी भी बनाई गई थी। जिसे भी महिलाओं ने खाने के बाद खाया था।
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सीएचसी से गांव पहुंची टीम
मामले की जानकारी होने पर सीएचसी से चिकित्सक जैनुल, छोटे लाल व रोहित की तीन सदस्यीय टीम गांव पहुंची। मरीजों व उनके परिजनों से मिलकर ओआरएस दिया। सभी से गर्म पानी मिला कर पीने के लिए कहा। बर्तन धुलने के लिए ब्लीचिंग पाउडर दिया। घर में रखा बासी खाना फिंकवाया और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर सफाई कराई। सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि बूंदी खाने से दिक्कत होने की जानकारी मिली है। जिसने अधिक खाई उसे ज्यादा दिक्कत हुई। अब सभी की हालत में सुधार है। जांच के लिए सीएचसी से एक चिकित्सकों की टीम गांव भेजी गई है।
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