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उन्नाव। बच्चों के टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत सात मार्च से होने जा रही है। टीकाकरण में छूटे बच्चों की सूची तैयार करने के लिए आशाओं को तीन दिन का समय दिया गया है।
साल 2021 में स्वास्थ्य विभाग को डेढ़ साल तक के 90643 बच्चों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए टीका लगाने का लक्ष्य था लेकिन कोरोना संक्रमण व आशाओं की हड़ताल के चलते अभियान प्रभावित हुआ। अप्रैल तक करीब 35 हजार बच्चों का ही टीकाकरण हो पाया। पिछले साल ही स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया। अब फिर टीकाकरण अभियान चलाने जा रहा है। सात मार्च से एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान में आशाएं 26 फरवरी तक टीकाकरण से छूटे बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य निर्धारित करेगा।
बच्चों के टीकाकरण का अभी लक्ष्य निर्धारित नहीं हुआ है। तीन दिन सर्वे में टीकाकरण से छूटे बच्चों को चिह्नित करने के बाद ही लक्ष्य का निर्धारण होगा। सात मार्च से टीकाकरण शुरू किया जाएगा।
– डॉ. सत्यप्रकाश, सीएमओ
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत गाइडलाइन तय की गई है। उसके मुताबिक बीसीजी और ओपीवी नवजात को जन्म के तुरंत बाद दिया जाना चाहिए। जबकि जन्म के 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का बर्थ डोज दिया जाता है। एक साल की उम्र के पहले ओपीवी की तीन खुराक, रोटावायरस की तीन खुराक, पेंटावेलेन्ट की तीन खुराक, आंशिक आईपीसी की तीन खुराक (जहां ये लागू होती है), मीजल्स और एमआर वैक्सीन की पहली खुराक और जेई (जापानीज बुखार) की पहली खुराक (जहां ये लागू हो) अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।
उन्नाव। बच्चों के टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत सात मार्च से होने जा रही है। टीकाकरण में छूटे बच्चों की सूची तैयार करने के लिए आशाओं को तीन दिन का समय दिया गया है।
साल 2021 में स्वास्थ्य विभाग को डेढ़ साल तक के 90643 बच्चों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए टीका लगाने का लक्ष्य था लेकिन कोरोना संक्रमण व आशाओं की हड़ताल के चलते अभियान प्रभावित हुआ। अप्रैल तक करीब 35 हजार बच्चों का ही टीकाकरण हो पाया। पिछले साल ही स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया। अब फिर टीकाकरण अभियान चलाने जा रहा है। सात मार्च से एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान में आशाएं 26 फरवरी तक टीकाकरण से छूटे बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य निर्धारित करेगा।
बच्चों के टीकाकरण का अभी लक्ष्य निर्धारित नहीं हुआ है। तीन दिन सर्वे में टीकाकरण से छूटे बच्चों को चिह्नित करने के बाद ही लक्ष्य का निर्धारण होगा। सात मार्च से टीकाकरण शुरू किया जाएगा।
– डॉ. सत्यप्रकाश, सीएमओ
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत गाइडलाइन तय की गई है। उसके मुताबिक बीसीजी और ओपीवी नवजात को जन्म के तुरंत बाद दिया जाना चाहिए। जबकि जन्म के 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का बर्थ डोज दिया जाता है। एक साल की उम्र के पहले ओपीवी की तीन खुराक, रोटावायरस की तीन खुराक, पेंटावेलेन्ट की तीन खुराक, आंशिक आईपीसी की तीन खुराक (जहां ये लागू होती है), मीजल्स और एमआर वैक्सीन की पहली खुराक और जेई (जापानीज बुखार) की पहली खुराक (जहां ये लागू हो) अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।
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