घरेलू कलह में उजड़ा परिवार: पिता ने बेटे-बहू को बेरहमी से काटा, चारपाई और खलिहान में मिले शव, पढ़िए पूरी कहानी

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बांदा जिले में नरैनी कोतवाली क्षेत्र के बरसड़ा मानपुर में हुई दंपती की हत्या की वजह घरेलू कलह सामने आई है। रिश्तेदारों का कहना है कि हत्यारोपी पति की ज्यादती और आपसी झगड़े के कारण पत्नी एक साल से अपने मायके में रह रही है। वहीं, कुछ रिश्तेदारों का कहना है कि मृतक पुत्र अपनी मां को घर में रहने नहीं दे रहा था।

इसकी वजह से वह अपने मायके में जाकर रहने लगी। हत्यारोपी देशराज राजपूत (60) पेशे से किसान है। उसके पास 16 बीघा जमीन है। उसका एक ही पुत्र था मन्नूलाल राजपूत। मन्नूलाल राजपूत की शादी चुन्नीदेवी से हुई थी। मृतक मन्नूलाल के तीन पुत्र हरदयाल (18), रामदयाल (16), दीनदयाल (14) और एक पुत्री वैजयंती (12) है।

हरदयाल और रामदयाल बांदा में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। हरदयाल बीएससी कर रहा है और रामदयाल डीएवी इंटर कॉलेज से 12वीं का छात्र है। सबसे छोटा पुत्र दीनदयाल नेढुवा कॉलेज में 10वीं का छात्र है। सबसे छोटी पुत्री वैजयंती गांव के ही जूनियर हाईस्कूल में आठवीं की छात्रा है। घटना के सामय सभी घर पर ही थे।



देशराज की उसकी पत्नी से कभी नहीं पटी

मन्नू के ममेरे भाई इंद्रपाल सिंह राजपूत ने बताया कि देशराज की उसकी पत्नी संपत राजपूत से कभी नहीं पटी। छोटी-छोटी बातों को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो जाया करता था। इससे क्षुब्ध होकर हत्यारोपी देशराज की पत्नी संपत अपने मायके लोहार पुरवा चंदला (मध्य प्रदेश) में एक साल से रह रही है।

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मृतक मां को घर में नहीं रहने दे रहा था

उधर, हत्यारोपी के भतीजे रामदास ने बताया कि उसका चाचा देशराज बताया करता था कि मृतक मन्नूलाल अपनी मां संपत को घर में नहीं रहने दे रहा है। घर में कलह मची रहती है। जिससे उसकी पत्नी अपने मायके में जाकर रहने लगी है। इससे आरोपी देशराज अपने पुत्र और बहू से खिन्न था।


घटना से पहले दुकान में टीवी देख रहा था हत्यारोपी

हत्यारोपी देशराज के भतीजे रामदास ने बताया कि घटना वाली रात हत्यारोपी उसके साथ गांव की एक दुकान में लगी टीवी देखते रहे। रात 11 बजे के करीब वह अपने मकान में सोने चला गया। रात के समय किसी तरह का कोई विवाद भी नहीं था।


मकान के आधे हिस्से में रहते थे

हत्यारोपी देशराज के पास एक मकान और खलिहान है। मकान में छोटी दीवार उठाकर आगे का हिस्सा उसने ले रखा है और पीछे का हिस्सा अपने पुत्र और बहू को दिया था। वह अपने पुत्र के साथ खाता-पीता भी नहीं था। घटना की रात मृतक मन्नूलाल ने अपने खलिहान में ईंट का भट्ठा भी लगाया था।


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