Health Tips: आयोडीनयुक्त को छोड़ सेंधा नमक की बढ़ रही डिमांड, कई बीमारियों में है ज्यादा असरदार

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Increasing demand for rock salt except iodized

आयोडीनयुक्त नमक और सेंधा नमक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

नमक हमारी रसोई का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसके बिना भोजन का स्वाद नहीं आ सकता है। नमक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और लगभग सभी लोग इसका सेवन करते हैं। दरअसल, नमक के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कौन सा नमक इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोगों के अनुसार आयोडीनयुक्त नमक खाना बेहतर होता है, जबकि अन्य सेंधा नमक का उपयोग करना पसंद करते हैं। 

सेंधा नमक का बढ़ रहा प्रचलन 

डॉ. अभिषेक गुप्ता ने बताया कि नमक सोडियम क्लोराइड का बेहतरीन स्रोत होता है जो इलेक्ट्रोलाइट को नियंत्रित करने का काम रखता है। इन दिनों सेंधा नमक का प्रचलन बढ़ रहा है, जो पहले केवल उपवास तक सीमित था। हालांकि अब भी ज्यादातर घरों में सामान्य नमक ही उपयोग में किया जाता है। सेंधा नमक में लगभग 85 फीसदी सोडियम क्लोराइड होता है, जबकि शेष 15 फीसदी में अन्य खनिज जैसे आयरन, कॉपर, जिंक, आयोडीन, मैंगनीज, मैग्नेशियम, सेलेनियम सहित कम से कम 84 प्रकार के तत्व होते हैं। इनमें से अधिकांश की थोड़ी- थोड़ी मात्रा शरीर के लिए फायदेमंद होती है। सामान्य नमक में 97 फीसद हिस्सा सोडियम क्लोराइड का होता है। बाकी तीन फीसदी हिस्सा एडिटिव्स एवं आयोडीन का होता है। 

सेंधा नमक में ऊपर से आयोडीन मिलाने की जरूरत नहीं होती है, जबकि सामान्य नमक में मिलाना पड़ता है। इस तरह सेंधा नमक सोडियम क्लोराइड के साथ- साथ अन्य खनिज भी शरीर को प्रदान करता है। आज तो सेंधा नमक की जरूरत इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि घर में लगे आरओ वाटर सिस्टम की वजह से हम उन कई महत्वपूर्ण खनिजों को पहले ही अपनी जिंदगी से बाहर कर चुके हैं जो हमें पहले पानी से मिल जाते थे।

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कम रिफाइंड यानी ज्यादा प्राकृतिक 

आयुर्वेदाचार्य सुरेशचंद्र पुजारी ने बताया कि सामान्य नमक को इसलिए ज्यादा पसंद किया जाता है, क्योंकि यह सस्ता होता है और आसानी से भोजन में घुल मिल जाता है। जबकि सेंधा नमक अपेक्षाकृत महंगा होता है, साथ ही दरदरा भी होता है, जिससे यह भोजन में पूरी तरह से मिल नहीं हो पाता है, लेकिन दरदरा होने का मतलब ही यह है कि इसे रिफाइंड नहीं किया गया है। जो चीज जितनी कम रिफाइंड होती है, वह उतनी ज्यादा प्राकृतिक होती है। रिफाइंड करने से महत्वपूर्ण खनिज हट जाते हैं। यानी सेंधा नमक हमारे लिए ज्यादा बेहतर हैं। 

कई बीमारियों में ज्यादा बेहतर

किडनी बेहतर ढंग से काम कर सके इसके लिए सोडियम और पोटेशियम में संतुलन जरूरी है। सेंधा नमक में दोनों तत्वों का बेहतरीन बैलेंस होता है। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा है जिन्हें माइग्रेन की समस्या है। माइग्रेन की एक वजह मैग्नीशियम की कमी होती है जो सेंधा नमक पूरी कर देता है । यह कब्ज की समस्या में भी फायदेमंद है । यह हमारी रोग.प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। 

हाई ब्लड प्रेशर में नुकसानदायक 

हाई बीपी के मरीजों के लिए सोडियम नुकसानदायक है। दोनों ही नमक में सोडियम की मात्रा काफी होती है। इसलिए हाई बीपी के मरीजों के लिए दोनों ही नमक की ज्यादा मात्रा अच्छी नहीं है, इसलिए बेहतर यह होगा कि चाहे सामान्य नमक हो या सेंधा नमक हाई बीपी के रोगी कम ही इस्तेमाल करें।

 

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