[ad_1]
Allahabad High Court
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के एत्मादपुर थाने में दुष्कर्म और मारपीट के मामले में दर्ज केवल एक प्राथमिकी के आधार याची के खिलाफ उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत अपर पुलिस आयुक्त की ओर से जारी नोटिस को सही नहीं माना और उसे रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर याची के खिलाफ कोई नए तथ्य सामने आएं तो नए सिरे से कारण बताओ नोटिस जारी की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ श्री चंद उर्फ श्री निवास उर्फ राम निवास की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि अपर पुलिस आयुक्त आगरा ने उस पर एत्मादपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए 15 मई 2023 को नोटिस जारी की है। जबकि, उसके खिलाफ गलत तरीके से प्राथमिकी दर्ज कराई गई और झूठे आरोप लगाए गए हैं। ट्रायल कोर्ट ने मामले में उसे जमानत दे रखी है।
[ad_2]
Source link