- जानलेवा साबित हो सकता है पहाड़ी वादियों में घूमने शौक
वर्तमान समय में पहाड़ी वादियों में घूमने शौक पर्यटकों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर चक्कीमोड़ के समीप फिर से भूस्खलन हुआ है। इसके चलते दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही रूक गई है। हाईवे पर भूस्खलन करीब 11ः30 हुआ है। वहीं तंबूमोड़ के समीप भी खतरा बरकरार बना हुआ है। यहां पर सड़क का एक हिस्सा ढह गया है और दूसरी ओर मलबा भी सड़क पर पड़ा है। चक्की मोड़ के समीप भूस्खलन से बंद मार्ग को खोलने का काम चल रहा है। बता दें मंगलवार रात को हाईवे सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल हुआ था, लेकिन आज फिर से बाधित हो गया है।
भूस्खलन से अवरुद्ध हुए मंडी-कुल्लू एनएच के चलते औट में फंसे करीब 2500 पर्यटकों को मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इन्हें वाया चौलचौक होते हुए भेजा गया है। औट से करीब 1000 से अधिक वाहनों को रवाना किया गया है। यहां पर्यटक एनएच बंद होने से होटलों व अन्य जगहों पर रुके हुए थे। दिनभर पुलिस के जवानों ने पर्यटकों व अन्य लोगों के वाहनों को निकालने के लिए एनएच पर व्यवस्था बनाई। पुलिस टीमें औट से लेकर पंडोह के पास तक तैनात रहीं। पुलिस को पहचान में लाए गए करीब 100 से अधिक पर्यटक पंजाब, हरियाणा, हैदराबाद, बंगाल, उडीसा, गुजरात से थे। इनकी पुलिस ने पहचान करने के उपरांत ही घरों को भेजा है। वहीं, कुछ अन्य पर्यटकों को जल्द ही मार्ग खुलने पर रवाना किया जाएगा।
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी बंद करने के बाद अब पराला फल मंडी जाने वाली मुख्य सडक भी डंगा गिरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। सैंज पेट्रोल पंप के पास देर रात हुए भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में भूस्खलन हुआ है। इससे मंडी को भारी नुकसान हुआ है। भूस्खलन की चपेट में आने एक गाडी भी क्षतिग्रस्त हो गई है। उधर, मणिकर्ण और कसोल में फंसे सैलानियों को सुरक्षित निकालने का अभियान तेज हो गया है। बचाव दल की ओर से बुधवार सुबह से सैलानियों को पैदल निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। वहीं, भुंतर-मणिकर्ण सडक की बहाली का काम भी युद्धस्तर पर जारी है।