आज की युवा पीढ़ी के कुछ शौक उनके लिए भारी पड़ सकते हैं, GST काउंसिल की बैठक में लिए गये कुछ अहम फैसले आपकी जेब हल्की करने के लिए मुफीद साबित होंगे। जी हां, अगर आपको भी ऑनलाइन गेमिंग का शौक है तो आप अब अपनी जेब ढीली करने के लिए तैयार हो जाइए। अब आपको इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी अदा करना होगा। हालांकि अगर आप सिनेमाहॉल में पॉपकॉर्न और समोसे खरीदते हैं तो यहां राहत मिल सकती है।
जीएसटी काउंसिल ने इन पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि बैठक में राज्यों ने पूर्व चर्चा के बिना पीएमएलए के तहत जीएसटी को शामिल करने पर चिंता जताई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर परिषद की आज 11 जुलाई को 50वीं बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है। ऑनलाइन गेमिंग के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी दर की प्रभावी तिथि जीएसटी कानून में संशोधन के बाद लागू की जाएगी। हालांकि कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या यह 28 प्रतिशत की दर जुए और सट्टेबाजी के लिए भी लागू होगी।
सेवा कर परिषद ने तय किया है कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में बाजी लगाते समय की समूची राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डाइनुटक्सिमैब दवा और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले विशेष चिकित्सकीय खाद्य उत्पाद के आयात पर जीएसटी से राहत देने का भी फैसला किया है।
ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को जुआ और सट्टे की तरह कार्रवाई के लायक न माने जाने के लिए जीएसटी कानून में जरूरी बदलाव किए जाएंगे। महाराष्ट्र के वन एवं मत्स्यपालन मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने कहा कि जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग के मामले में दक्षता वाले खेल और किस्मत आधारित खेल के बीच फर्क करने की संकल्पना नहीं अपनाने का फैसला किया है।
इन तीनों खेलों में दांव पर लगाने वाली समूची राशि पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर वसूला जाएगा।