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उन्नाव। शहर के एक गेस्ट हाउस में अभ्युदय साहित्यिक मंच एवं उन्मुख संस्था की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यहां नव कवियों ने कविता पाठ किया।
मुख्य अतिथि शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने गोष्ठी का शुभारंभ किया। कहा कि साहित्य सृजन में युवाओं की सहभागिता जिले के लिए शुभ संकेत है।
संस्था के संरक्षक डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि युवा साहित्य सृजन में अग्रणी हैं। नव कवि सत्यम शब्द ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की।
अब्दुल मोईद ने ‘हां मैं उन्नाव हूं’ पढ़कर सभी को एकता के सूत्र में पिरोया। कवि हर्ष पटेल ने ‘कैसी भी फिर भोर हो कैसी भी हो शाम, तुमको जी भर देख लूं फिर आंखेें बेकाम’ पढ़कर सभी की वाहवाही लूटी।
कवि धर्मराज उपाध्याय ने हास्य व्यंग्य के माध्यम से कहा ‘जहर के बाद जाम होता है, यूं ही किसको सलाम होता है’। ओजस्वी तेवर के साथ सूर्यकांत अंगारा ने ‘यही अरमान हिंदुस्तान सदा रंग बिरंगा रहे, चिर काल तक लहराता हुआ अपना तिरंगा रहे’ रचना सुनाई।
कवयित्री सारिका तिवारी ने ‘अवनि से अंबर तक सदा निज शौर्य गूंजेगा, धरा से व्योम तक देखो तिरंगा गान गूंजेगा’ कविता सुनाई।
इसी तरह कवि मोहित वर्मा, कवयित्री सौम्या तिवारी, अशोक आनंद, श्रद्धा पंडित, श्रद्धा बाजपेई, पलक यादव, अभिषेक अस्थाना, प्रशांत द्विवेदी मृदुल, आशुतोष पांडेय, सन्नी पटेल, पुष्पेंद्र प्रेमी, अशोक गुप्त, अजय अवस्थी, अजय अगम, सत्यम शब्द, विमल समेत अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया।
सभी वाणी पुत्रों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित करने वालों में डॉ. मनोज श्रीवास्तव, अधिवक्ता ओ.पी. तिवारी, संस्था अध्यक्ष डॉ. प्रभात सिन्हा, अमित त्रिपाठी, शिवांग मिश्र, अनिरुद्ध सौरभ, डॉ. विनय तिवारी, राकेश द्विवेदी, परीक्षित अवस्थी, पवन निगम, अजय श्रीवास्तव शामिल रहे।
उन्नाव। शहर के एक गेस्ट हाउस में अभ्युदय साहित्यिक मंच एवं उन्मुख संस्था की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यहां नव कवियों ने कविता पाठ किया।
मुख्य अतिथि शिक्षक विधायक राजबहादुर सिंह चंदेल ने गोष्ठी का शुभारंभ किया। कहा कि साहित्य सृजन में युवाओं की सहभागिता जिले के लिए शुभ संकेत है।
संस्था के संरक्षक डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि युवा साहित्य सृजन में अग्रणी हैं। नव कवि सत्यम शब्द ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की।
अब्दुल मोईद ने ‘हां मैं उन्नाव हूं’ पढ़कर सभी को एकता के सूत्र में पिरोया। कवि हर्ष पटेल ने ‘कैसी भी फिर भोर हो कैसी भी हो शाम, तुमको जी भर देख लूं फिर आंखेें बेकाम’ पढ़कर सभी की वाहवाही लूटी।
कवि धर्मराज उपाध्याय ने हास्य व्यंग्य के माध्यम से कहा ‘जहर के बाद जाम होता है, यूं ही किसको सलाम होता है’। ओजस्वी तेवर के साथ सूर्यकांत अंगारा ने ‘यही अरमान हिंदुस्तान सदा रंग बिरंगा रहे, चिर काल तक लहराता हुआ अपना तिरंगा रहे’ रचना सुनाई।
कवयित्री सारिका तिवारी ने ‘अवनि से अंबर तक सदा निज शौर्य गूंजेगा, धरा से व्योम तक देखो तिरंगा गान गूंजेगा’ कविता सुनाई।
इसी तरह कवि मोहित वर्मा, कवयित्री सौम्या तिवारी, अशोक आनंद, श्रद्धा पंडित, श्रद्धा बाजपेई, पलक यादव, अभिषेक अस्थाना, प्रशांत द्विवेदी मृदुल, आशुतोष पांडेय, सन्नी पटेल, पुष्पेंद्र प्रेमी, अशोक गुप्त, अजय अवस्थी, अजय अगम, सत्यम शब्द, विमल समेत अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया।
सभी वाणी पुत्रों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित करने वालों में डॉ. मनोज श्रीवास्तव, अधिवक्ता ओ.पी. तिवारी, संस्था अध्यक्ष डॉ. प्रभात सिन्हा, अमित त्रिपाठी, शिवांग मिश्र, अनिरुद्ध सौरभ, डॉ. विनय तिवारी, राकेश द्विवेदी, परीक्षित अवस्थी, पवन निगम, अजय श्रीवास्तव शामिल रहे।
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