ताजमहल में शाहजहां का उर्स: बिजली हो गई गुल, मोबाइल की रोशनी में अदा की गई संदल की रस्म

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सार

ताजमहल में शाहजहां के उर्स के दौरान उस वक्त बिजली गुल हो गई, जब तहखाने में स्थित कब्रों पर संदल की रस्म की जानी थी। इसके बाद मोबाइल टॉर्च की रोशनी में रस्म अदा की गई।   

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सोमवार को ताजमहल में मुगल बादशाह शाहजहां के 367 वें उर्स में संदल की रस्म हुई। दोपहर दो बजे ताजमहल के मुख्य गुंबद के तहखाने में बनी शाहजहां मुमताज की असली कब्रों पर एएसआई और उर्स कमेटी की ओर से संदल चढ़ाया गया, लेकिन मोबाइल की रोशनी में जैसे ही तहखाने के दरवाजे खुले, बिजली गुल हो गई। 

ऐसे में मोबाइल की टॉर्च जलाकर संदल की रस्म पेश की गई। फूलों की चादर चढ़ाने के बाद मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई। बिजली गुल हो जाने के कारण तहखाने में अव्यवस्थाएं हो गईं। दस मिनट के बाद बिजली सप्लाई चालू हुई। शाम तक असली कब्रों को देखने वालों का तांता लगा रहा।

मकबरे पर गूंजी कव्वाली, रॉयल गेट पर शहनाई

शाहजहां के उर्स के दूसरे दिन उर्स कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी मुख्य मकबरे पर संदल लेकर पहुंचे। शाहजहां व मुमताज की कब्रों पर संदल का लेप किया गया। फूलों की चादर चढ़ाई गई। फातिहा पढ़ने के बाद मुल्क में अमन-चैन की दुआ की गई। 

मुख्य मकबरे पर दोपहर दो बजे से कव्वालियां गूंजी। शाम तक यहां कव्वालियां चलीं, जबकि रॉयल गेट पर शहनाई बजी। इस दौरान वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी, राजकुमार कपूर, इब्राहिम जैदी, मुनव्वर अली, ताहिरुददीन ताहिर, आरिफ तैमूरी, जाहिद, बलभद्र द्विवेदी, आशीष, मुन्ना बेग, फुरकान, तौसीफ आदि मौजूद रहे।

मंगलवार को पेश होगी 1381 मीटर लंबी सतरंगी चादर

खुद्दाम ए रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर के मुताबिक शाहजहां उर्स के आखिरी दिन मंगलवार को दोपहर में 1381 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर पेश की जाएगी। दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से धर्मगुरुओं की मौजूदगी में सतरंगी चादर ताजमहल पश्चिमी गेट से ले जाई जाएगी। इसके अलावा फूलों की चादर, मोतियों की चादरें पेश की जाएंगी।

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मंगलवार को पूरे दिन ताजमहल में निशुल्क प्रवेश

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि मंगलवार को ताजमहल सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटकों के लिए निशु़ल्क रहेगा। भारतीय व विदेशी पर्यटकों को स्मारक में बिना टिकट प्रवेश मिलेगा।

विस्तार

सोमवार को ताजमहल में मुगल बादशाह शाहजहां के 367 वें उर्स में संदल की रस्म हुई। दोपहर दो बजे ताजमहल के मुख्य गुंबद के तहखाने में बनी शाहजहां मुमताज की असली कब्रों पर एएसआई और उर्स कमेटी की ओर से संदल चढ़ाया गया, लेकिन मोबाइल की रोशनी में जैसे ही तहखाने के दरवाजे खुले, बिजली गुल हो गई। 

ऐसे में मोबाइल की टॉर्च जलाकर संदल की रस्म पेश की गई। फूलों की चादर चढ़ाने के बाद मुल्क में अमन चैन की दुआ की गई। बिजली गुल हो जाने के कारण तहखाने में अव्यवस्थाएं हो गईं। दस मिनट के बाद बिजली सप्लाई चालू हुई। शाम तक असली कब्रों को देखने वालों का तांता लगा रहा।

मकबरे पर गूंजी कव्वाली, रॉयल गेट पर शहनाई

शाहजहां के उर्स के दूसरे दिन उर्स कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी मुख्य मकबरे पर संदल लेकर पहुंचे। शाहजहां व मुमताज की कब्रों पर संदल का लेप किया गया। फूलों की चादर चढ़ाई गई। फातिहा पढ़ने के बाद मुल्क में अमन-चैन की दुआ की गई। 

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