एसपी कार्यालय परिसर में युवक ने की आत्मदाह की कोशिश

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उन्नाव। असीवन थाने के सिपाही और दरोगा पर रिश्वत लेने व प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर युवक ने गुरुवार को एसपी कार्यालय परिसर में पेट्रोल डाल आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस कर्मियों ने माचिस छीनकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। एसपी ने मुकदमे के विवेचक दरोगा ओम प्रकाश यादव को निलंबित कर जांच सीओ बांगरमऊ को सौंपी है।
मुंडा गांव निवासी विनीत (45) कार चलाकर परिवार का गुजारा करता है। तीन नवंबर 21 को विनीत के भाई संतू और पड़ोसी महेश से नशेबाजी में विवाद हो गया था। संतू ने मगन के साथ मिलकर महेश को पीटा था। आरोप है कि सुन्नस में कुछ ग्रामीणों ने महेश की मां का अंगूठा लगवाकर तहरीर में विनीत का नाम भी लिख दिया। असीवन थाने की पुलिस ने मगन, संतू और विनीत के खिलाफ मारपीट की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली। 18 जनवरी को महेश की मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस थाने आने का दबाव डालने लगी। 24 जनवरी को एक सिपाही ने थाने बुलाकर पीटा। 20 हजार रुपये लेकर रात में छोड़ दिया। एक युवक के कहने पर विनीत दरोगा से मिलने पहुंचा। आरोप है कि दरोगा ने जेल भेजने की धमकी देकर 10 हजार रुपये मांगे। कर्ज लेकर दो को उसने 10 हजार रुपये दरोगा को दिए। सीओ को देने की बात कहकर दरोगा ने और रुपये मांगे। रुपये न देने पर जेल भेजने की धमकी दी।
परेशान विनीत ने अपनी बाइक से पिपिया में पांच लीटर पेट्रोल निकाला। गुरुवार को पेट्रोल लेकर जीप से एसपी कार्यालय परिसर पहुंचा। अपने ऊपर पेट्रोल डालकर जेब से माचिस निकाल ली। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर माचिस छीन ली।
उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मृतक की मां की तहरीर पर मारपीट, गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोपी से रुपये मांगने के मामले की जांच सीओ बांगरमऊ विक्रमाजीत सिंह को सौंपी गई है। मुकदमे के विवेचक दरोगा ओम प्रकाश यादव को निलंबित कर दिया गया है। रामरती के हलफानामे देने के बाद भी विनीत का नाम मुकदमे से न निकलाने में प्रथम दृष्टया दरोगा की लापरवाही प्रतीत हो रही है। सीओ की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रामरती ने कहा, विनीत ने किया मेरा सहयोग
जिला अस्पताल में मृतक महेश की मां रामरती मौजूद थी। वह विनीत की हालत देखकर वह बिलख रही थी। रामरती ने बताया कि बेटे महेश से मारपीट के बाद गांव के कुछ लोगाें ने तहरीर लिखकर उससे अंगूठा लगवा लिया था। विनीत मारपीट में शामिल नहीं था। महेश की हालत बिगड़ने पर विनीत ही सहयोग किया। वह घायल महेश को हैलट तक ले गया था।
विनीत ने एसपी से की थी शिकायत
अस्पताल में भर्ती विनीत ने बताया कि महेश से मारपीट के बाद पुलिस उसे परेशान कर रही थी। 20 जनवरी को एसपी दिनेश त्रिपाठी से मिलकर पूरी जानकारी दी थी। इसके एक माह तक पुलिस ने फोन नहीं किया। उसके बाद फिर फोन कर रुपये मांगे जाने लगे।
रामरती ने दिया था विनीत के पक्ष में हलफनामा
प्रभारी निरीक्षक आसीवन अनुराग सिंह ने कहा कि पुलिस पर आरोप लगते ही रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महेश की मां ने विनीत का नाम मुकदमे से निकालने के लिए हलफनामा दिया था लेकिन अपना आधार कार्ड नहीं दिया। इससे विनीत का नाम मुकदमे से नहीं निकाला जा सका। उसे विवेचना के क्रम में थाने बुलाया गया था।

यह भी पढ़ें -  यूपी: अखिलेश यादव ने कैबिनेट मंत्री का वीडियो फेसबुक पर किया शेयर, कैप्शन में लिखा- भाजपा 2.0 के राज में

उन्नाव। असीवन थाने के सिपाही और दरोगा पर रिश्वत लेने व प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर युवक ने गुरुवार को एसपी कार्यालय परिसर में पेट्रोल डाल आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस कर्मियों ने माचिस छीनकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। एसपी ने मुकदमे के विवेचक दरोगा ओम प्रकाश यादव को निलंबित कर जांच सीओ बांगरमऊ को सौंपी है।

मुंडा गांव निवासी विनीत (45) कार चलाकर परिवार का गुजारा करता है। तीन नवंबर 21 को विनीत के भाई संतू और पड़ोसी महेश से नशेबाजी में विवाद हो गया था। संतू ने मगन के साथ मिलकर महेश को पीटा था। आरोप है कि सुन्नस में कुछ ग्रामीणों ने महेश की मां का अंगूठा लगवाकर तहरीर में विनीत का नाम भी लिख दिया। असीवन थाने की पुलिस ने मगन, संतू और विनीत के खिलाफ मारपीट की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर ली। 18 जनवरी को महेश की मौत हो गई।

इसके बाद पुलिस थाने आने का दबाव डालने लगी। 24 जनवरी को एक सिपाही ने थाने बुलाकर पीटा। 20 हजार रुपये लेकर रात में छोड़ दिया। एक युवक के कहने पर विनीत दरोगा से मिलने पहुंचा। आरोप है कि दरोगा ने जेल भेजने की धमकी देकर 10 हजार रुपये मांगे। कर्ज लेकर दो को उसने 10 हजार रुपये दरोगा को दिए। सीओ को देने की बात कहकर दरोगा ने और रुपये मांगे। रुपये न देने पर जेल भेजने की धमकी दी।

परेशान विनीत ने अपनी बाइक से पिपिया में पांच लीटर पेट्रोल निकाला। गुरुवार को पेट्रोल लेकर जीप से एसपी कार्यालय परिसर पहुंचा। अपने ऊपर पेट्रोल डालकर जेब से माचिस निकाल ली। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर माचिस छीन ली।

उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मृतक की मां की तहरीर पर मारपीट, गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोपी से रुपये मांगने के मामले की जांच सीओ बांगरमऊ विक्रमाजीत सिंह को सौंपी गई है। मुकदमे के विवेचक दरोगा ओम प्रकाश यादव को निलंबित कर दिया गया है। रामरती के हलफानामे देने के बाद भी विनीत का नाम मुकदमे से न निकलाने में प्रथम दृष्टया दरोगा की लापरवाही प्रतीत हो रही है। सीओ की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

रामरती ने कहा, विनीत ने किया मेरा सहयोग

जिला अस्पताल में मृतक महेश की मां रामरती मौजूद थी। वह विनीत की हालत देखकर वह बिलख रही थी। रामरती ने बताया कि बेटे महेश से मारपीट के बाद गांव के कुछ लोगाें ने तहरीर लिखकर उससे अंगूठा लगवा लिया था। विनीत मारपीट में शामिल नहीं था। महेश की हालत बिगड़ने पर विनीत ही सहयोग किया। वह घायल महेश को हैलट तक ले गया था।

विनीत ने एसपी से की थी शिकायत

अस्पताल में भर्ती विनीत ने बताया कि महेश से मारपीट के बाद पुलिस उसे परेशान कर रही थी। 20 जनवरी को एसपी दिनेश त्रिपाठी से मिलकर पूरी जानकारी दी थी। इसके एक माह तक पुलिस ने फोन नहीं किया। उसके बाद फिर फोन कर रुपये मांगे जाने लगे।

रामरती ने दिया था विनीत के पक्ष में हलफनामा

प्रभारी निरीक्षक आसीवन अनुराग सिंह ने कहा कि पुलिस पर आरोप लगते ही रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महेश की मां ने विनीत का नाम मुकदमे से निकालने के लिए हलफनामा दिया था लेकिन अपना आधार कार्ड नहीं दिया। इससे विनीत का नाम मुकदमे से नहीं निकाला जा सका। उसे विवेचना के क्रम में थाने बुलाया गया था।

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