लखनऊ। शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के छात्रों को प्राइवेट स्कूल जैसी हर सुविधा देना का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सुरक्षा और संरक्षा का ज्ञान मुहैया कराएगी। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सुरक्षा एवं संरक्षा शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया है। इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। एससीईआरटी की ओर से 140 मास्टर ट्रेनर्स तैयार कर दिए गए हैं। ये ट्रेनर्स प्रत्येक जनपद के 400 शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में एससीईआरटी की ओर से बच्चों एवं शिक्षकों के लिए सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास कराया है।
शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल में सुरक्षा एवं संरक्षा का महत्त्व, आवश्यकता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, विद्यालय स्तर पर सुरक्षा व संरक्षा के विविध आयाम, सड़क सुरक्षा एवं यातायात, आपदा प्रबन्धन, साइबर सुरक्षा एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी मुद्दों की विस्तृत जानकारी के साथ ही महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नम्बर भी दिये गये हैं। इसके साथ ही आपदा प्रबन्धन, पूर्व तैयारी, जागरूकता व रोकथाम, पुनर्वास, राहत महत्वपूर्ण मुद्दों को रोचक गतिविधियों के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया है।
एससीईआरटी में 16 से 27 जुलाई अवधि में तीन दिवसीय संदर्भदाता प्रशिक्षण तीन फेरों में आयोजित किया गया। इसमें डॉ. राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान से विशेषज्ञों की ओर से सीपीआर के बारे में बताया गया तथा हैण्ड्स ऑन एक्टिविटी कराकर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। अग्निशमन विभाग से एफएसओ आरके रावत की ओर से आग से बचाव की जानकारी मॉक ड्रिल के माध्यम से दी गई। रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के विशेषज्ञों ने वित्तीय जानकारी दी। इसके साथ ही ऑनलाइन बैंकिंग के अन्तर्गत होने वाले जोखिम से बचाव के बारे में भी बताया। इसमें प्रत्येक जनपद से 2 डायट संकाय सदस्यों की ओर से इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया। राज्य स्तर पर कुल 140 मास्टर ट्रेनर्स को तैयार किया गया। प्रशिक्षण में डॉ. पवन सचान, संयुक्त निदेशक (एसएसए), दीपा तिवारी, उप शिक्षा निदेशक की भी भूमिका अहम रही।
सभी तैयार मास्टर ट्रेनर्स की ओर से जनपद स्तर पर शिक्षकों (प्रति जनपद 400 शिक्षक) को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षक एवं छात्र अपने आस-पास के खतरों, दुर्घटनाओं, आने वाली आपदाओं व ज्वलन्त समस्याओं के प्रति जागरूक हो सकेंगे और आवश्यकता होने पर उनका सामना कर सकेंगे।- गणेश कुमार, निदेशक, एससीईआरटी।