आगरा: केंद्रीय कारागार के चप्पे-चप्पे पर होगी कड़ी नजर, अब ड्रोन कैमरों से होगी बंदियों की निगरानी

0
27

[ad_1]

सार

आगरा केंद्रीय कारागार में अब सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी होगी। जेल के बंदियों से ड्रोन कैमरे से निगरानी होगी। इसके लिए बंदीरक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। 

ख़बर सुनें

उत्तर प्रदेश की संवेदनशील जेलों में सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी। पहली खेप में दस जेलों को ड्रोन कैमरे मिल गए हैं। इनमें आगरा केंद्रीय कारागार भी शामिल है। आपात स्थिति में इन कैमरों से अंदर और बाहर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी। इनके संचालन के लिए बंदीरक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

नवंबर, 2021 में फतेहगढ़ की जिला जेल में बंदी की मौत के बाद बवाल हुआ था। कई पुलिसकर्मी और बंदी घायल हुए थे। मई, 2021 में चित्रकूट जिले की रंगोली जेल में दो बंदियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें बंदी ही शामिल था। इसके अलावा भी जेलों में बंदियों के बीच झगडे़ के मामले सामने आ चुके हैं।

बंदीरक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण 

प्रभारी डीआईजी जेल-केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि एक उच्च क्षमता का ड्रोन कैमरा मिला है। इनके संचालन के लिए दो बंदीरक्षकों को मुख्यालय में प्रशिक्षण दिलाया गया था। कैमरे उपलब्ध कराने वाली संस्था अब अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी। ड्रोन का प्रमुखता से प्रयोग आपात स्थिति में होगा। 

अगर, बंदी किसी तरह का बवाल और उपद्रव करते हैं तो ड्रोन कैमरे उनके फुटेज उपलब्ध करा देंगे। इसके बाद कार्रवाई की जा सकेगी। फिलहाल सप्ताह में एक बार ड्रोन कैमरों से पूरे परिसर को देखा जाएगा। जेल परिसर में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनसे भी नजर रखी जाती है। 

केंद्रीय कारागार आगरा में सौ से अधिक कश्मीरी बंदी

वीके सिंह ने बताया कि प्रदेश में दस जेलों को ड्रोन कैमरे मिले हैं। बरेली और नैनी के केंद्रीय कारागार भी शामिल हैं। वहीं अन्य जेलों में गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, कानपुर नगर, बांदा, वाराणसी सहित सात जिले शामिल हैं। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी बंद हैं। केंद्रीय कारागार नैनी में बंदियों की संख्या अधिक है। यहां पर कई नेता भी बंद हैं। 

यह भी पढ़ें -  Kanpur Sex Racket: गंदा है पर धंधा है ये! सजता था जिस्म का बाजार...चलता था व्यापार, पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध

बुलंदशहर जेल अति संवेदनशील रही है। सबसे ज्यादा कुख्यात अपराधी बंद हैं। आगरा जेल में सौ से अधिक कश्मीरी बंदी, सौ बंदी प्रशासनिक आधार वाले हैं। आगरा की केंद्रीय जेल में विधायक, पूर्व विधायक और एमएलसी बंद हैं। ड्रोन कैमरे से बंदियों के साथ दीवारों के आसपास नजर रखने में आसानी रहेगी।

आगरा केंद्रीय कारागार की स्थिति

  • 4 सर्किल हैं केंद्रीय कारागार में
  • 84 एकड़ में फैला है परिसर
  • 1800 बंदी हैं इस समय 
  • 34 सामान्य बंदियों के लिए बैरक
  • 28 सेल हाई सिक्योरिटी में हैं
  • 250 कुख्यात अपराधी, कश्मीरी बंदी और नेता भी

विस्तार

उत्तर प्रदेश की संवेदनशील जेलों में सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी। पहली खेप में दस जेलों को ड्रोन कैमरे मिल गए हैं। इनमें आगरा केंद्रीय कारागार भी शामिल है। आपात स्थिति में इन कैमरों से अंदर और बाहर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी। इनके संचालन के लिए बंदीरक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

नवंबर, 2021 में फतेहगढ़ की जिला जेल में बंदी की मौत के बाद बवाल हुआ था। कई पुलिसकर्मी और बंदी घायल हुए थे। मई, 2021 में चित्रकूट जिले की रंगोली जेल में दो बंदियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें बंदी ही शामिल था। इसके अलावा भी जेलों में बंदियों के बीच झगडे़ के मामले सामने आ चुके हैं।

बंदीरक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण 

प्रभारी डीआईजी जेल-केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि एक उच्च क्षमता का ड्रोन कैमरा मिला है। इनके संचालन के लिए दो बंदीरक्षकों को मुख्यालय में प्रशिक्षण दिलाया गया था। कैमरे उपलब्ध कराने वाली संस्था अब अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी। ड्रोन का प्रमुखता से प्रयोग आपात स्थिति में होगा। 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here