हाईकोर्ट : भ्रष्टाचार के मामले में याची को निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने के निर्देश

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 04 Mar 2022 11:31 PM IST

सार

याची ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। लेकिन, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर सुनवाई किए जाने पर जोर दिया। सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव ने इसका विरोध किया।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में गौतमबुद्धनगर की याची को निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत को भी निर्देश दिया कि वह मामले की सुनवाई कर कानून के मुताबिक फैसला ले। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने याची गुरुप्रीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। लेकिन, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर सुनवाई किए जाने पर जोर दिया। सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव ने इसका विरोध किया।

कोर्ट ने याची को निचली अदालत के समक्ष जमानत के लिए अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कहा कि निचली अदालत द्वारा इस मामले में कानून के मुताबिक शीघ्रता से निदान किया जाए। याची केखिलाफ सीबीआई ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि सुनवाई गाजियाबाद स्थित कोर्ट में हो रही है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में गौतमबुद्धनगर की याची को निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत को भी निर्देश दिया कि वह मामले की सुनवाई कर कानून के मुताबिक फैसला ले। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने याची गुरुप्रीत सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। लेकिन, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर सुनवाई किए जाने पर जोर दिया। सीबीआई के अधिवक्ता संजय यादव ने इसका विरोध किया।

कोर्ट ने याची को निचली अदालत के समक्ष जमानत के लिए अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कहा कि निचली अदालत द्वारा इस मामले में कानून के मुताबिक शीघ्रता से निदान किया जाए। याची केखिलाफ सीबीआई ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज किया है, जबकि सुनवाई गाजियाबाद स्थित कोर्ट में हो रही है।

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