एस आई आर डी मे विभिन्न विषयो पर विशेषज्ञो द्वारा दिया गया प्रशिक्षण

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अक्षत टाइम्स संवाददाता, लखनऊ, 19 सितंबर। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग, संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है।

इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण व अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन में संस्थान प्रांगण के अन्तर्गत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन तथा 15 से 17 सितंबर तक सम्बन्धित विभागों के अधिकारियोंध् कार्मिकों एवं मत्स्य पालकों हेतु, राज्य स्तरीय तीन दिवसीय आवासीय, बी आई ओ एल ओ सी-मत्स्य पालन कार्यक्रम विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम, 15 से 19 सितंबर तक कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के वार्डेन हेतु, मास्टर ट्रेनर्स विकसित करने के लिए, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम विषयक प्रशिक्षण का आयोजन तथा 15 से 19सितंबर तक, जनपद स्तरीय सम्बन्धित अधिकारियों हेतु, अग्नि आपदा प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

17 सितंबर, को मत्स्य पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर, संस्थान में आयोजित हो रहे समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को, बुद्धा सभागार में आमंत्रित करके महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता व विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट अतिथि वार्ताकारों यथा- राम कृष्ण गोस्वामी, संस्थापक अध्यक्ष, भारत चरित्र निर्माण संस्थान, नई दिल्ली, डा० किशन वीर सिंह शाक्य, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पूर्व वरिष्ठ सदस्य लोक सेवा आयोग उ०प्र० तथा उमेश चन्द्र जोशी, पूर्व संयुक्त निदेशक एवं राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार की गरिमामई उपस्थिति में, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विषय-विशेषज्ञों द्वारा संक्षिप्त रूप से विषयगत प्रमुख बिंदुओं पर प्रासंगिक एवं उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।

कार्यक्रम के दौरान राम कृष्ण गोस्वामी द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के जीवन से सीख लेते हुए आप सभी को कर्म योगी बनना चाहिए। डा० किशन वीर सिंह शाक्य द्वारा बताया गया कि प्रत्येक प्रशिक्षक को साफ्टस्किल, लीडरशिप की भावना एवं परस्पर अपने साथी अधिकारियों, कार्मिकों के मध्य टीम बिल्डिंग की भावना का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए क्योंकि किसी संस्थान, संगठन, विभाग के कार्यों को दक्षता पूर्ण निष्पादित करने के लिए यह सूत्र आवश्यक व प्रासंगिक हैं। अपने कार्यों को निष्ठापूर्वक, लगन व ईमानदारी से निष्पादित करने वाले सारे जीवन आनन्दमय जीवन व्यतीत करते हैं।

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उमेश चन्द्र जोशी द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रशिक्षण एक ऐसी विधा है, जिससे प्रशिक्षुओं के अन्दर ज्ञान और कौशल दक्षता का संचार होने के साथ मनोवृत्ति में सकारात्मक व रचनात्मक क्रियाशीलता का उद्भव होता है। संस्थान आयोजित किए जा रहे समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रम जनहित में होने के साथ, शासकीय अधिकारियोंध्कार्मिकों हेतु अत्यंत उपयोगी व औचित्यपूर्ण हैं।

अध्यक्षीय सम्बोधन के अन्तर्गत महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वरलू द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि हम सभी को अपनी पुरातन संस्कृति पर गर्व करना चाहिए और हमारे पूर्वजों व ऋषि-मुनियों के विचार थे, उसके अनुपालनार्थ हम सभी को आदर्शपूर्वक विचार करते हुए व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करना चाहिए। हम अच्छे कर्म योगी तभी हो सकतें हैं, जब व्यवहारिक रूप से हम जहां पर भी हैं, या जिस पद पर हैं उसके दायित्वों को निष्ठा, ईमानदारी व लगन के साथ निभायें। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डा० नवीन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान की उप निदेशक डा० नीरजा गुप्ता, सरिता गुप्ता, आर के मल्ल, सहायक निदेशक डा० राज किशोर यादव, डा० सत्येन्द्र कुमार गुप्ता, संजय कुमार, डा० वरुण चतुर्वेदी, संकाय सदस्य मोहित यादव, धर्मेन्द्र कुमार, आपदा प्रबंधन सलाहकार कुमार दीपक, कम्प्यूटर प्रोग्रामर उपेन्द्र कुमार दूबे, मो०शहन्शाह तथा मोहम्मद शाहरूख का उल्लेखनीय व सराहनीय योगदान रहा है।

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