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सार
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 87वां दीक्षांत समारोह 29 मार्च को आयोजित किया जाएगा। जिसमें करीब 1.22 लाख छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की जाएंगी।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 87वें दीक्षांत समारोह में मुनि की रेती स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में मंगलवार को विश्वविद्यालय के अतिथि गृह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती भारतीय संस्कृति शोध प्रतिष्ठान, ऋषिकेश और पिट्सबर्ग के हिंदू-जैन मंदिर के भी संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। उनकी प्रेरणा से वर्ष 2012 में हिंदू धर्म का विश्वकोश तैयार हुआ था। तैतरीय उपनिषद के मंत्रों के साथ दीक्षांत समारोह के शोभायात्रा का संचलन होगा।
विश्वविद्यालय की बैठक में तय किया गया कि दीक्षांत समारोह में आवासीय इकाई में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं और पीएचडी के सभी शोधार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा। सात दिनों के अंदर वन व्यू सॉफ्टवेयर सक्रिय हो जाएगा। इस पर छात्र-छात्राओं की डिग्री और मार्कशीट अपलोड कर दी जाएगी।
टॉपर्स को दिए जाएंगे पदक
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 87वें दीक्षांत समारोह में आवासीय इकाई के प्रत्येक पाठ्यक्रम के टॉपर्स को भी पदक दिया जाएगा। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि बैठक में तय किया गया है कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे छात्रों को क्रमश: स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक दिए जाएंगे। पदक किसके नाम पर दिए जाएंगे। यह अभी तय किया जाना है।
कोई नया पदक नहीं दिया जाएगा
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की पदक सूची में कोई नया पदक इस बार भी शामिल नहीं होगा। विश्वविद्यालय की पदक सूची में कुल 137 पदक हैं। इनमें से 13 पदक ऐसे हैं, जो पाठ्यक्रमों के बंद होने से नहीं दिए जाते। पाठ्यक्रमों के परिणाम समय से जारी न होने से भी कुछ पदक नहीं दिए जाते। विश्वविद्यालय के 86वें दीक्षांत समारोह में 137 में से 109 पदक ही दिए गए थे।
विस्तार
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 87वें दीक्षांत समारोह में मुनि की रेती स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में मंगलवार को विश्वविद्यालय के अतिथि गृह हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती भारतीय संस्कृति शोध प्रतिष्ठान, ऋषिकेश और पिट्सबर्ग के हिंदू-जैन मंदिर के भी संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। उनकी प्रेरणा से वर्ष 2012 में हिंदू धर्म का विश्वकोश तैयार हुआ था। तैतरीय उपनिषद के मंत्रों के साथ दीक्षांत समारोह के शोभायात्रा का संचलन होगा।
विश्वविद्यालय की बैठक में तय किया गया कि दीक्षांत समारोह में आवासीय इकाई में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं और पीएचडी के सभी शोधार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा। सात दिनों के अंदर वन व्यू सॉफ्टवेयर सक्रिय हो जाएगा। इस पर छात्र-छात्राओं की डिग्री और मार्कशीट अपलोड कर दी जाएगी।
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