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सार
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा ने चार राज्यों में अपनी जीत बरकरार रखी है, वहीं पंजाब में कांग्रेस को हराकर आम आदमी पार्टी सत्ता में आ गई है। लेकिन इन सबके बीच, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता कायम है।
उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। 23 दिन के अंदर यानी 10 फरवरी से लेकर पांच मार्च तक उन्होंने 32 बड़ी रैलियां कीं। इसके जरिए 203 विधानसभा सीटों को कवर किया। पिछली बार इनमें से 143 सीटें भाजपा के कब्जे में थीं। इस बार इसमें बढ़ोतरी तो नहीं हुई, लेकिन ज्यादा घटा भी नहीं।
ओवरऑल आंकड़ों को देखें तो तमाम एंटीइनकंबेंसी के बावजूद इनमें से 128 सीटों पर जीत हासिल करने में भाजपा कामयाब हुई। इनमें भी कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें पिछली बार विपक्षी दलों ने जीता था। इन आंकड़ों से मतलब साफ है कि जहां-जहां पीएम मोदी ने रैली की, वहां-वहां भाजपा का दबदबा कम नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कुल 32 फिजिकल और 12 वर्चुअल रैली की। ज्यादातर वर्चुअल रैली पहले चरण वाली सीटों के लिए हुईं थीं। प्रधानमंत्री ने फिजिकल रैली की शुरुआत 10 फरवरी को सहारनपुर से की थी। तब पहले चरण का मतदान चल रहा था। इन रैलियों के जरिए पीएम ने यूपी की 132 सीटों को कवर किया। पिछली बार इनमें से 108 सीटें भाजपा के खाते में थीं।
2017 के मुकाबले इस बार सीटों के आंकड़ों में कमी तो आई, लेकिन उतनी नहीं, जितने का अनुमान था। इस बार इन 132 सीटों में से 92 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन दलों के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। मतलब साफ है, यूपी में मोदी का जादू अभी भी बरकरार है।
प्रधानमंत्री ने जिन जिलों में रैलियां कीं उनमें सहारनपुर, कासगंज, कन्नौज, कानपुर देहात, सीतापुर, फतेहपुर, हरदोई, उन्नाव, बाराबंकी, कौशांबी, अमेठी, प्रयागराज, बस्ती, देवरिया, वाराणसी, बलिया, महाराजगंज, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और मिर्जापुर शामिल थे। वाराणसी में मोदी ने दो रैली और एक रोड शो किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में तीन चुनावी रैलियां कीं। पहली रैली 10 फरवरी को पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में थी। यहां छह सीटें हैं और 2017 में इन सभी पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इसी तरह दूसरी रैली पीएम ने 11 फरवरी को अल्मोड़ा में की थी। यहां भी छह सीटें हैं। तीसरी और आखिरी रैली 12 फरवरी को उधम सिंह नगर में हुई थी। यहां सबसे ज्यादा नौ विधानसभा सीटें हैं।
इन तीनों जिलों में कुल 21 सीटें हैं। पिछली बार इनमें से 18 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। इस बार इनमें से 14 सीटें भाजपा के खाते में गईं। इनमें भी दो ऐसी सीटें हैं, जो पिछली बार कांग्रेस के खाते में थी।
किसान आंदोलन के चलते सबसे ज्यादा विरोध का सामना भाजपा को पंजाब में करना पड़ा। इसके चलते बीच में ही पीएम मोदी को एक दौरा भी रद्द करना पड़ा। खैर, इसके बाद पीएम मोदी ने पंजाब में तीन फिजिकल और एक वर्चुअल रैली की।
पीएम मोदी 14 फरवरी को जालंधर में अपनी पहली फिजिकल रैली के लिए पहुंचे। यहां नौ सीटें हैं। 2017 में इनमें से एक पर भी भाजपा प्रत्याशी की जीत नहीं हुई थी। वहीं, पठानकोट और फाजिल्का में भी इस बार रैली की। यहां भाजपा को 2017 में तीन सीटें मिलीं थीं। इस बार तमाम विरोध के बाद भी दो सीटें हासिल करने में कामयाबी मिली।
प्रधानमंत्री का सबसे कम फोकस मणिपुर और गोवा में रहा। पीएम ने दोनों राज्यों में एक-एक फिजिकल और एक-एक वर्चुअल रैली की। फजिकल रैली के जरिए पीएम ने मणिपुर की 11 सीटों को साधने की कोशिश की, वहीं नॉर्थ गोवा की 23 सीटों पर फोकस रहा। मणिपुर के हेंगंग में प्रधानमंत्री ने 22 फरवरी को रैली की। हेंगंग की 11 में से सात सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। पिछली बार के मुकाबले एक सीट का इजाफा हुआ।
वहीं, 10 फरवरी को मोदी ने नॉर्थ गोवा में रैली की। मोदी की रैली का असर यहां भी देखने को मिला। नॉर्थ गोवा की 23 में से 13 सीटों पर भाजपा की जीत हुई। पिछली बार केवल आठ सीटें ही भाजपा के खाते में थीं।
एक दिन में तीन-तीन रैलियां कीं
प्रधानमंत्री ने एक दिन में तीन-तीन रैलियां कीं। 10 फरवरी को मोदी सहारनपुर, उत्तराखंड के श्रीनगर के साथ-साथ गोवा भी पहुंचे। ये फजिकल रैली का पहला दिन था। इसके बाद लगभग वह दिन उन्होंने दो से तीन रैलियां की हैं। पीएम ने सबसे ज्यादा समय अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दिया।
विस्तार
उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। 23 दिन के अंदर यानी 10 फरवरी से लेकर पांच मार्च तक उन्होंने 32 बड़ी रैलियां कीं। इसके जरिए 203 विधानसभा सीटों को कवर किया। पिछली बार इनमें से 143 सीटें भाजपा के कब्जे में थीं। इस बार इसमें बढ़ोतरी तो नहीं हुई, लेकिन ज्यादा घटा भी नहीं।
ओवरऑल आंकड़ों को देखें तो तमाम एंटीइनकंबेंसी के बावजूद इनमें से 128 सीटों पर जीत हासिल करने में भाजपा कामयाब हुई। इनमें भी कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें पिछली बार विपक्षी दलों ने जीता था। इन आंकड़ों से मतलब साफ है कि जहां-जहां पीएम मोदी ने रैली की, वहां-वहां भाजपा का दबदबा कम नहीं हुआ।
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