न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 14 Mar 2022 07:43 PM IST
एटीएस की जांच में सामने आया था कि असलहा बनाने वालों के संपर्क में लखनऊ का नेशनल गन हाउस, सिरसा का जैन ब्रदर्स गन हाउस व कानपुर का रामदास आर्मरी है।
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यूपी एटीएस ने सोमवार को 25 हजार के इनामिया कुर्बान अली को बाबूपुरवा इलाके से गिरफ्तार किया। कुर्बान अली नौ साल से फरार चल रहा था। उसके गिरोह के साथियों को तीन साल पहले सजा भी हो चुकी है। गिरोह खुद असलहे बनाकर गन हाउस मालिकों की मदद से बेचता था।
कुर्बान पर देशद्रोह समेत एक दर्जन गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। 2013 में एटीएस कानपुर यूनिट ने एक गिरोह का राजफाश कर डेढ़ सौ असलहे बरामद किए थे। इसमें राइफल, 9एमएम पिस्टल आदि थे। एटीएस ने खुलासा किया था कि कुर्बान अली व उसका भाई रमजान अली पनकी व आसपास के इलाकों में फैक्टरी लगाकर असलहे बनाते हैं।
उसके बाद लखनऊ, कानपुर व सिरसा (हरियाणा) के गन हाउसों की मदद से लाइसेंसों पर इन असलहों को असली बताकर बेचते हैं। एटीएस ने गन हाउस मालिकों, रमजान अली समेत करीब दस आरोपियों को उस वक्त जेल भेजा था। इन सभी को 2019 में सजा हो चुकी है। मगर कुर्बान अली हाथ नहीं आ रहा था। इस बीच रविवार रात को एटीएस को इनपुट मिला कि कुर्बान अली बाबूपुरवा स्थित अपने घर आया है। तभी टीम ने दबिश देकर उसे दबोच लिया।
बाबूपुरवा में है परिवार, खुद सूरत में ली थी पनाह
कुर्बान अली मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। 2013 में वह मछरिया इलाके में रहता था। एटीएस की कार्रवाई के बाद परिवार वहां से चला गया था। अब जांच में सामने आया कि कुर्बान ने परिवार वालों को बाबूपुरवा इलाके में बसा दिया था। वह खुद सूरत में सिलाई का काम करने लगा। मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। इसलिए एटीएस उसको ट्रेस नहीं कर पा रही थी। रविवार को उसने गलती की और सर्विलांस टीम ने उसे ट्रेस कर लिया।
इन गन हाउसों की थी मिलीभगत
एटीएस की जांच में सामने आया था कि असलहा बनाने वालों के संपर्क में लखनऊ का नेशनल गन हाउस, सिरसा का जैन ब्रदर्स गन हाउस व कानपुर का रामदास आर्मरी है। असलहे इन गन हाउस मालिकों दिए जाते थे। ये असलहे असली दामों पर लाइसेंस धारकों को बेचते थे।
विस्तार
यूपी एटीएस ने सोमवार को 25 हजार के इनामिया कुर्बान अली को बाबूपुरवा इलाके से गिरफ्तार किया। कुर्बान अली नौ साल से फरार चल रहा था। उसके गिरोह के साथियों को तीन साल पहले सजा भी हो चुकी है। गिरोह खुद असलहे बनाकर गन हाउस मालिकों की मदद से बेचता था।
कुर्बान पर देशद्रोह समेत एक दर्जन गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। 2013 में एटीएस कानपुर यूनिट ने एक गिरोह का राजफाश कर डेढ़ सौ असलहे बरामद किए थे। इसमें राइफल, 9एमएम पिस्टल आदि थे। एटीएस ने खुलासा किया था कि कुर्बान अली व उसका भाई रमजान अली पनकी व आसपास के इलाकों में फैक्टरी लगाकर असलहे बनाते हैं।
उसके बाद लखनऊ, कानपुर व सिरसा (हरियाणा) के गन हाउसों की मदद से लाइसेंसों पर इन असलहों को असली बताकर बेचते हैं। एटीएस ने गन हाउस मालिकों, रमजान अली समेत करीब दस आरोपियों को उस वक्त जेल भेजा था। इन सभी को 2019 में सजा हो चुकी है। मगर कुर्बान अली हाथ नहीं आ रहा था। इस बीच रविवार रात को एटीएस को इनपुट मिला कि कुर्बान अली बाबूपुरवा स्थित अपने घर आया है। तभी टीम ने दबिश देकर उसे दबोच लिया।