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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 15 Mar 2022 01:58 AM IST
सार
याची पर एआईसीटीई से तथ्यों को छुपाकर तकनीकी संस्थान की मान्यता लेने का आरोप है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव की ओर से पैरवी की जा रही है। प्रतिवादी विपिन साहनी ने वर्ष 2007-08 में नोएडा एक टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोला था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) से तथ्य छिपाकर तकनीकी संस्थान की मान्यता लेने के मामले में सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए सीबीआई को तीन सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल 2022 की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश राजीव गुप्ता की खंडपीठ ने सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची पर एआईसीटीई से तथ्यों को छुपाकर तकनीकी संस्थान की मान्यता लेने का आरोप है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव की ओर से पैरवी की जा रही है। प्रतिवादी विपिन साहनी ने वर्ष 2007-08 में नोएडा एक टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोला था।
इस इंस्टीट्यूट में सैकड़ों छात्रों ने दाखिला लिया था। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने जांच की थी। इसके बाद विपिन साहनी दंपती पर मुकदमा दर्ज किया था। दोनों को सीबीआई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे रखी है। सीबीआई ने इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) से तथ्य छिपाकर तकनीकी संस्थान की मान्यता लेने के मामले में सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए सीबीआई को तीन सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल 2022 की तिथि निर्धारित की है। यह आदेश राजीव गुप्ता की खंडपीठ ने सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में याची पर एआईसीटीई से तथ्यों को छुपाकर तकनीकी संस्थान की मान्यता लेने का आरोप है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव की ओर से पैरवी की जा रही है। प्रतिवादी विपिन साहनी ने वर्ष 2007-08 में नोएडा एक टेक्निकल इंस्टीट्यूट खोला था।
इस इंस्टीट्यूट में सैकड़ों छात्रों ने दाखिला लिया था। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने जांच की थी। इसके बाद विपिन साहनी दंपती पर मुकदमा दर्ज किया था। दोनों को सीबीआई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे रखी है। सीबीआई ने इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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