Allahabad High Court : दो दरोगाओं को जिला जज ने कोर्ट में खड़ा कराया, स्पष्टीकरण देने के बाद छोड़ा

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सार

जिला जज उत्तर प्रदेश सरकार बनाम प्रीति सिंघल और उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी के मामले में दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी मामले में एसआई प्रियंका सिंह जांच कर रही हैं।

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जिला जज ने मंगलवार को अलग-अलग अग्रिम जमानत अर्जियों पर सुनवाई करते हुए मामले में जानकारी न मुहैया कराने वाले दो दरोगाओं को कोर्ट में खड़ा करा दिया। अदालत ने कहा कि अग्रिम आदेश तक दोनों जांच अधिकारी अदालत में खड़े रहेंगे। हालांकि, बाद में दोनों दरोगाओं ने स्पष्टीकरण दिया। इसके बाद अदालत ने उन्हें छोड़ दिया। इसमें से एक दरोगा कर्नलगंज थाने का है, जबकि दूसरा झूंसी थाने में तैनात है।

जिला जज उत्तर प्रदेश सरकार बनाम प्रीति सिंघल और उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी के मामले में दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी मामले में एसआई प्रियंका सिंह जांच कर रही हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार बनाम प्रीति सिंघल के मामले में कर्नलगंज में रमेश कुमार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दोनों ही मामलों में जिला अदालत ने पूछा था कि जिन मामलों में सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उन मामलों में गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है या नहीं। अदालत ने मंगलवार को सुनवाई से पहले दोनों दरोगाओं से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जवाब न मिलने पर मंगलवार को तलब कर कोर्ट में खड़ा रहने का आदेश दिया।

जानकारी न देने पर जताई नाराजगी

अदालत ने कहा कि जब अग्रिम जमानत अर्जियों के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है तो क्यों नहीं मुहैया कराई जा रही है। दोनों दरोगाओं ने बाद में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया तो अदालत ने उन्हें छोड़ दिया। उधर, मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि की ओर से एसएसपी प्रयागराज को पत्र लिखकर जिला जज के आदेश का अनुपालन कराने को कहा गया है।

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पत्र में लिखा गया है कि न्यायालय में प्रस्तुत की जाने वाली ऐसे अग्रिम जमानत अर्जियों, जिनमें सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है, उसमें यह जानकारी मुहैया कराने का प्रबंध करें कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है या नहीं।

विस्तार

जिला जज ने मंगलवार को अलग-अलग अग्रिम जमानत अर्जियों पर सुनवाई करते हुए मामले में जानकारी न मुहैया कराने वाले दो दरोगाओं को कोर्ट में खड़ा करा दिया। अदालत ने कहा कि अग्रिम आदेश तक दोनों जांच अधिकारी अदालत में खड़े रहेंगे। हालांकि, बाद में दोनों दरोगाओं ने स्पष्टीकरण दिया। इसके बाद अदालत ने उन्हें छोड़ दिया। इसमें से एक दरोगा कर्नलगंज थाने का है, जबकि दूसरा झूंसी थाने में तैनात है।

जिला जज उत्तर प्रदेश सरकार बनाम प्रीति सिंघल और उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी के मामले में दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे। उत्तर प्रदेश सरकार बनाम बलराम तिवारी मामले में एसआई प्रियंका सिंह जांच कर रही हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार बनाम प्रीति सिंघल के मामले में कर्नलगंज में रमेश कुमार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दोनों ही मामलों में जिला अदालत ने पूछा था कि जिन मामलों में सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान है, उन मामलों में गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है या नहीं। अदालत ने मंगलवार को सुनवाई से पहले दोनों दरोगाओं से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जवाब न मिलने पर मंगलवार को तलब कर कोर्ट में खड़ा रहने का आदेश दिया।

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