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सार
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों के व्यवहार में बदलाव आया है। उनमें फिर वही विश्वास जगाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
कोरोना महामारी की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर पर तो असर पड़ा ही, बल्कि व्यवहार में भी बदलाव आया। स्कूल खुलने पर विद्यार्थी कक्षा में भी पढ़ाई पर कम ध्यान लगा रहे थे। लिखने की आदत छूट गई थी। प्रश्न पूछे जाने पर असहज हो रहे थे। इस स्थिति से विद्यार्थियों को निकालने के लिए स्कूल उन्हें काउंसिलिंग की डोज दे रहे हैं।
मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों की कंप्यूटर विषय की प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी। परीक्षक विद्यार्थियों को एक-एक करके बुला रहे थे। पूछने पर विद्यार्थियों ने बताया कि कक्षा 11 में पूरे वर्ष ऑनलाइन पढ़ाई होने से उनका मनोबल गिरा था। चालू सत्र में स्कूल खुलने से उनमें विश्वास आया। जो भी समस्याएं आईं, उनका शिक्षकों ने समाधान कराया।
ऑफलाइन पढ़ाई में शिक्षक ने की भरपाई
12वीं के छात्र जितेंद्र शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहे थे। स्कूल खुलने के बाद रसायन विज्ञान के शिक्षक ने अच्छे से प्रैक्टिकल कराया, इससे भरपाई हो गई। छात्र अवनीश कुमार ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में पाठ्यक्रम समझ में कम आ रहा था। तनाव की स्थिति हो गई थी, स्कूल खुलने के बाद मनोदशा बदल गई है। परेशानियों का शिक्षकों ने समाधान कराया।
ऑनलाइन पढ़ाई में एकाग्रचित्त नहीं हो पा रही थी बेटी
अभिभावक काव्या अशोक ने बताया कि मेरी बेटी कक्षा 10वीं की छात्रा है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान वह एकाग्रचित्त नहीं हो पा रही थी। स्कूल खुलने के बाद स्थिति बेहतर हुई है। पढ़ाई में उसका मन लग रहा है। अभिभावक सुनीता मिश्रा ने कहा कि उनकी बेटी कक्षा 12वीं में पढ़ रही है। ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति कम उत्साह दिखा रही थी। स्कूल खुलने के बाद पढ़ाई को गंभीरता से ले रही है। ऑनलाइन पढ़ाई मजबूरी थी।
विद्यार्थियों को मोबाइल व लैपटॉप से दूर करने का प्लान दिया
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थियों की काउंसिलिंग कराई गई। परीक्षाएं वस्तुनिष्ठ प्रश्न आधारित कराई गईं। इससे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सुधार आ रहा है।
विद्यार्थियों की सक्रियता बढ़ाई जा रही
यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल की प्रधानाचार्या अमिता शर्मा ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थी आए तो वह बिल्कुल शांत कक्षा में बैठे रहते थे। इनकी लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। विद्यार्थियों की सक्रियता बढ़ाई जा रही है। अब असर दिखने लगा है।
99 फीसदी विद्यार्थियों ने ऑफलाइन परीक्षा दी
गायत्री पब्लिक स्कूल के प्रबंधक प्रद्युम्न चतुर्वेदी ने कहा कि विद्यालय की शास्त्रीपुरम स्थिति शाखा में 99 फीसदी विद्यार्थियों ने वार्षिक परीक्षा ऑफलाइन दी है। अभिभावक से पहले फीडबैक लिया गया। विद्यार्थियों की काउंसिलिंग की गई, उन्हें ऑफलाइन परीक्षा के लिए तैयार किया गया।
नप्सा ने सदस्य स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए कराई कार्यशाला
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (नप्सा) ने सदस्य सीबीएसई स्कूलों के कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए 14 और 15 मार्च को कार्यशाला कराई। सत्र में कोरोना महामारी की वजह से पढ़ाई प्रभावित रही, ऐेसे में टर्म टू की परीक्षा के संबंध में विद्यार्थी तनावग्रस्त न हो, उनकी काउंसिलिंग कराई गई। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के शंकाओं व समस्याओं का समाधान किया।
विस्तार
कोरोना महामारी की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर पर तो असर पड़ा ही, बल्कि व्यवहार में भी बदलाव आया। स्कूल खुलने पर विद्यार्थी कक्षा में भी पढ़ाई पर कम ध्यान लगा रहे थे। लिखने की आदत छूट गई थी। प्रश्न पूछे जाने पर असहज हो रहे थे। इस स्थिति से विद्यार्थियों को निकालने के लिए स्कूल उन्हें काउंसिलिंग की डोज दे रहे हैं।
मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों की कंप्यूटर विषय की प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी। परीक्षक विद्यार्थियों को एक-एक करके बुला रहे थे। पूछने पर विद्यार्थियों ने बताया कि कक्षा 11 में पूरे वर्ष ऑनलाइन पढ़ाई होने से उनका मनोबल गिरा था। चालू सत्र में स्कूल खुलने से उनमें विश्वास आया। जो भी समस्याएं आईं, उनका शिक्षकों ने समाधान कराया।
ऑफलाइन पढ़ाई में शिक्षक ने की भरपाई
12वीं के छात्र जितेंद्र शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहे थे। स्कूल खुलने के बाद रसायन विज्ञान के शिक्षक ने अच्छे से प्रैक्टिकल कराया, इससे भरपाई हो गई। छात्र अवनीश कुमार ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में पाठ्यक्रम समझ में कम आ रहा था। तनाव की स्थिति हो गई थी, स्कूल खुलने के बाद मनोदशा बदल गई है। परेशानियों का शिक्षकों ने समाधान कराया।
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