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बांगरमऊ। नगर के मोहल्ला सैयदवाड़ा व मस्तू टोला में महिलाएं प्लास्टिक के खिलौने व तोते बनाकर दूसरों को भी स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। ये खिलौने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व महाराष्ट्र में बिक्री के लिए जाते हैं।
नगर के मोहल्ला मस्तू टोला निवासी फरीद पत्नी रूबी 20 साल से मोहल्ले की छह महिलाओं के साथ मिलकर प्लास्टिक के खिलौने बना रही हैं। ये महिलाएं प्लास्टिक के तोते बनाकर रंगाई करती हैं।
इसी तरह मोहल्ला सैयदबाड़ा की अन्नी व अफसरी तथा मस्तू टोला निवासी सकीना जरीना व रहमतुन भी खिलौने बना रहीं हैं। रूबी ने बताया कि पंख वह कानपुर से लाती हैं।
बताया कि खिलौने बनाने के कारोबार से जुड़ी महिलाएं हर दिन लगभग 200 से 300 रुपये तक कमाई कर लेती हैं। उनके पति इन खिलौनों को गैर राज्यों में जाकर बेचते हैं।
बांगरमऊ। नगर के मोहल्ला सैयदवाड़ा व मस्तू टोला में महिलाएं प्लास्टिक के खिलौने व तोते बनाकर दूसरों को भी स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। ये खिलौने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व महाराष्ट्र में बिक्री के लिए जाते हैं।
नगर के मोहल्ला मस्तू टोला निवासी फरीद पत्नी रूबी 20 साल से मोहल्ले की छह महिलाओं के साथ मिलकर प्लास्टिक के खिलौने बना रही हैं। ये महिलाएं प्लास्टिक के तोते बनाकर रंगाई करती हैं।
इसी तरह मोहल्ला सैयदबाड़ा की अन्नी व अफसरी तथा मस्तू टोला निवासी सकीना जरीना व रहमतुन भी खिलौने बना रहीं हैं। रूबी ने बताया कि पंख वह कानपुर से लाती हैं।
बताया कि खिलौने बनाने के कारोबार से जुड़ी महिलाएं हर दिन लगभग 200 से 300 रुपये तक कमाई कर लेती हैं। उनके पति इन खिलौनों को गैर राज्यों में जाकर बेचते हैं।
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